कोटा में भीषण हादसा : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर मिनी बस ट्रक में घुसी, एक ही परिवार के 4 की मौत

कोटा। राजस्थान के कोटा जिले में रविवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई। यह हादसा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर चंबल पुल के पास उस वक्त हुआ जब एक तेज रफ्तार मिनी बस आगे चल रहे ट्रक में पीछे से जा घुसी। बस में इंदौर से सगाई समारोह में शामिल होकर लौट रहा करौली का एक ज्वेलर परिवार सवार था। पुलिस और चश्मदीदों के अनुसार, हादसा सुबह करीब 5 बजे बुढ़ादित थाना क्षेत्र में हुआ। मिनी बस में चालक को झपकी आ गई, जिससे उसने नियंत्रण खो दिया और बस सामने चल रहे ट्रक में जा भिड़ी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मिनी बस के परखच्चे उड़ गए। बस में सवार 4 लोगों की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि 10 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
मारे गए चारों लोग एक ही परिवार के सदस्य
मृतकों की पहचान गीता सोनी (63), उनके दो बेटे ब्रजेश सोनी (45) और अनिल सोनी (48), तथा दामाद सुरेश सोनी (45) के रूप में हुई है। गीता सोनी के बेटे अनिल और ब्रजेश ज्वेलरी का कारोबार करते थे, जबकि दामाद सुरेश भरतपुर में सरकारी शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सुजीत शंकर के अनुसार प्रथम दृष्टया हादसे का कारण ड्राइवर को नींद आना माना जा रहा है। बस की रफ्तार काफी तेज थी और चंबल पुल पर वह सीधे ट्रक में जा घुसी। मिनी बस की स्थिति देखकर हादसे की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
सगाई समारोह से लौट रहे थे
सोनी परिवार शनिवार को मध्य प्रदेश के इंदौर गया था, जहां परिवार के एक सदस्य का सगाई और गोदभराई समारोह आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के बाद परिवार के 14 लोग एक मिनी ट्रैवलर बस से रात करीब 9 बजे इंदौर से करौली के लिए रवाना हुए थे। सुबह तड़के कोटा के पास यह हादसा हो गया।
घायलों का इलाज जारी, कुछ की हालत गंभीर
घटना के बाद बुढ़ादित पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को तुरंत कोटा के एमबीएस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। चार गंभीर रूप से घायलों को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। बाकी का इलाज एमबीएस अस्पताल में ही चल रहा है। तीन घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है। अनिल सोनी के भतीजे संजय सोनी के मुताबिक बस में मौजूद सानिया, ममता, संजू, छोटू सहित कई लोग घायल हुए हैं। इनमें से 7 लोगों का इलाज अभी चल रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कुछ घायलों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
सवालों के घेरे में ड्राइवर की लापरवाही
इस हादसे ने एक बार फिर से लंबी दूरी की यात्राओं में ड्राइवरों की सतर्कता और पर्याप्त विश्राम की आवश्यकता को उजागर कर दिया है। पुलिस का कहना है कि ड्राइवर को नींद आने की वजह से यह हादसा हुआ है। हालांकि, मिनी बस के ड्राइवर की स्थिति की जानकारी स्पष्ट नहीं हो पाई है – वह भी घायल हुआ है या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “बस की हालत देखकर साफ है कि उसकी रफ्तार 100 किलोमीटर प्रतिघंटा से कम नहीं रही होगी। नींद की एक झपकी ने एक खुशहाल परिवार को उजाड़ दिया।”
परिवार और इलाके में मातम
करौली के सीताबाड़ी इलाके में इस हादसे की खबर जैसे ही पहुंची, पूरे मोहल्ले में मातम पसर गया। सोनी परिवार इलाके में प्रतिष्ठित और सामाजिक रूप से सक्रिय माना जाता था। एक ही परिवार के चार सदस्यों की एक साथ मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
सरकारी प्रतिक्रिया और मुआवजे की मांग
स्थानीय विधायक और प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। प्रशासन की ओर से फिलहाल किसी सरकारी मुआवजे की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। यह घटना सिर्फ एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि एक व्यवस्था और जिम्मेदारी का सवाल भी है – जहां यात्रियों की सुरक्षा के लिए ड्राइवरों की फिटनेस और सतर्कता पर नियमित निगरानी बेहद जरूरी है।