मध्य प्रदेशराज्य

अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नियम तय,मंजूरी दिलाने कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

भोपाल : प्रदेश में अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नये नियम सरकार ने तय कर दिए है। इन्हें मंजूरी दिलाने कैबिनेट में प्रस्ताव आएगा। अभी तक जो नियम थे उसमें अवैध कॉलोनी में रहने वाले गरीब और अतिगरीबों को कॉलोनी के विकास के लिए तय शुल्क में छूट का लाभ उठाने के लिए कॉलोनी के सत्तर फीसदी गरीबों को एकजुट कर आवेदन देना होता था तब उन्हें छूट मिल पाती थी। अब सरकार इस नियम को बदलने जा रही है अब कॉलोनी का एक गरीब भी आवेदन देगा तो उस अकेले को भी विकास शुल्क में छूट मिल जाएगी। यह छूट अस्सी फीसदी रहेगी।

प्रदेश में इस समय 6016 अवैध कॉलोनियां है। इनमें से केवल 5 हजार 642 कॉलोनियां ऐसी है जिन्हें वैध करने के लिए पात्र पाया गया है। कॉलोनियों को वैध करने के लिए सरकार ने नियम तय कर दिए है। अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नियमों को सरकार और अधिक सरल करने जा रही है। अभी तक अवैध कॉलोनी के नियमितिकरण के लिए पहले से ही विकास शुल्क भरना होता था। अब जब अनुमति मिल जाएगी तब विकास शुल्क भरना होगा। जनवरी 2022 में सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने के नियम तय किए थे। अब फिर उनमें बदलाव किया जा रहा है।कॉलोनी को वैध करने के लिए विकास खुल्क तय होंने के बाद नियमितिकरण की कार्यवाही शुरु होगी। रहवासी संघ का गठन होगा। रहवासी संघ यहां किए जाने वाले विकास कार्यो की प्राथमिकता तय करेंगे। सड़क, सीवरेज, पानी, बिजली, नालियां, पार्क, सौंदर्यीकरण सहित किन कामों को प्राथमिकता के साथ पूरा करना है यह रहवासी संघ तय करेगा।

पूर्व में जो अनाधिकृत कॉलोनी का सर्वे हुआ है। जो सूची तैयार है उसका पुन: परीक्षण शुरु हो चुका है और इस सूची को पंद्रह फरवरी को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। ले आउट बनाकर दावे-आपत्ति को अंतिम रूप देने का काम मार्च अंत तक किया जाएगा अप्रैल में रहवासी संघ का गठन होगा और एक मई से आॅनलाईन पोर्टल पर अवैध कॉलोनियों में बिल्डिंग परमीशन देना शुरू हो जाएगा।

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