नई दिल्ली : लोहड़ी और मकर संक्रांति पर तिल को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। यह बीज सर्दी में शरीर को गर्मी देने वाले होते हैं। ठंड में मुट्ठीभर तिल खाने से आप ताकतवर बन सकते हैं। आपका शरीर कम बीमार पड़ेगा और बुढ़ापे में होने वाली समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा। तिल का तेल भी इन्हीं फायदों से भरा होता है।
आयुर्वेद के अनुसार तिल के अंदर तेज ऊष्मा होती है। इससे पेट की पाचक अग्नि बढ़ती है और खून में गर्मी बनी रहती है। इस खाद्य पदार्थ को लड्डू, गजक, रेवड़ी और बर्फी बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लोहड़ी और मकर संक्रांति पर इन पकवानों का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। तिल कई बीमारियों में डॉक्टर का रोल निभा सकते हैं और स्वस्थ बनाते हैं।
- डायजेस्टिव फायर में बढ़ोतरी
ठंड में डायजेस्टिव फायर कम हो जाती है, जिसकी वजह से कब्ज से परेशान होना पड़ सकता है। तिल खाने से फाइबर मिलता है और यह आपके पाचन तंत्र के लिए काफी अच्छा होता है। रिसर्च गेट पर मौजूद शोध (ref.) के मुताबिक ये बीज खाने से कब्ज में चौंकाने वाला फायदा मिलता है।
- नसों से बाहर निकलेंगे अपशिष्ट पदार्थ
एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड को अपशिष्ट पदार्थ कहा जा सकता है। यह आपकी नसों में जमकर खून को बहने से रोकते हैं। सेसमे सीड्स में हेल्दी फैट्स होते हैं जो इन गंदी वसा को कम करने में मदद करते हैं। दिल की बीमारी में इनका सेवन बेहतर हेल्थ दे सकता है।
- मसल्स में भरेगी ताकत
हेल्दी रहने के लिए प्लांट प्रोटीन काफी है, जो आपको बुनियादी मजबूती देता है। तिल के बीजों में प्रोटीन प्रचुर होता है, जो मसल्स बनाने के साथ हॉर्मोन का उत्पादन बेहतर बनाता है। यह मैक्रोन्यूट्रिएंट बाल और स्किन को जवान बनाए रखता है।
- इंफ्लामेशन का अंत
कभी भी इंफ्लामेशन को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यह अंदरुनी सूजन होती है, जो मोटापे से लेकर कैंसर तक का कारण बन सकती है। सेसमे सीड्स एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर होते हैं, जिससे इंफ्लामेशन का अंत जल्दी हो जाता है।
- विटामिन बी का खजाना
तिल के अंदर विटामिन बी होता है। इन्हें खाने से बी1, बी3 और बी6 मिलता है। ये सारे पोषक तत्व शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि सारे काम और प्रक्रिया सही तरीके से चलती रहें। विटामिन बी की कमी से शरीर में कमजोरी आ सकती है।