AAP को लगा बड़ा झटका, 20 विधायकों की सदस्यता रद्द
आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त हो गई है। लाभ के पद का विवाद खड़ा होने के बाद चुनाव आयोग ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को सौंपी थी। राष्ट्रपति ने इसे अपनी मंजूरी दे दी है। आप विधायकों को अयोग्य घोषित करने को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
अब आम आदमी पार्टी के सामने केवल कोर्ट में जाने का ही विकल्प बचा है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई सोमवार को होनी है। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली तो आप सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। अगर आप अपने विधायकों की सदस्यता रद्द होने के फैसले को स्वीकार करती है तो अब दूसरा रास्ता उपचुनाव का ही बचता है।
दिल्ली सरकार ने मार्च, 2015 में ‘आप’ के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बना दिया था। बीजेपी और कांग्रेस ने इसपर सवाल उठाए थे। प्रशांत पटेल नाम के शख्स ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाकर आरोप लगाया था कि ये 21 विधायक लाभ के पद पर हैं, इसलिए इनकी सदस्यता रद होनी चाहिए। दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन ऐक्ट-1997 में संशोधन किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, जिसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था।
इस मामले में पहले 21 विधायकों की संख्या थी, लेकिन जरनैल सिंह पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं ऐसे में विधायकों की संख्या 20 ही रह गई थी।इस मामले में राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग को जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था।