18 महीने बाद जेल से बाहर आए AAP नेता सत्येंद्र जैन, रिहा होते ही बोले- दिल्ली में पूरा करेंगे काम
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन शुक्रवार को जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। उनके स्वागत के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप सांसद संजय सिंह समेत कई नेता मौजूद थे। सत्येंद्र जैन ने जेल से बाहर आने के बाद केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी को अपनी दुकान बंद करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और मैं जेल से बाहर आ गए हैं और अब हम दिल्ली में रुके हुए सभी काम पूरे करेंगे। अरविंद केजरीवाल ने यमुना नदी को साफ करने का वादा किया था। उनके वादे के आधार पर हम यमुना नदी को साफ करने के लिए दिन-रात काम कर रहे थे। इसे रोकने के लिए मुझे गिरफ्तार किया गया।
आप ने सत्येंद्र जैन की जमानत के फैसले को सत्य की जीत तथा भाजपा की ‘एक और साजिश’ की हार बताया। आप ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सत्यमेव जयते। भाजपा की एक और साजिश विफल हो गई, क्योंकि सत्येंद्र जैन जी को अदालत से जमानत मिल गई, जिन्होंने शानदार मोहल्ला क्लीनिक बनाकर दिल्ली में स्वास्थ्य क्रांति ला दी। भाजपा का असली चेहरा अब पूरे देश के सामने एक बार फिर उजागर हो गया है।” आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जैन को दो साल से ज्यादा समय जेल में बिताने के बाद जमानत मिली है। केजरीवाल ने कहा, ‘‘उनका क्या दोष था?”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जैन के ठिकानों पर कई बार छापे मारे गए, लेकिन एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘उनका (जैन) सिर्फ इतना दोष था कि उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक बनवाए और दिल्ली के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं निशुल्क कर दीं। (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी ने उन्हें जेल में डाल दिया, ताकि मोहल्ला क्लीनिक बंद हो जाएं और गरीबों को मुफ्त इलाज न मिल पाए। लेकिन भगवान हमारे साथ हैं। सत्येंद्र का स्वागत है।”
आपको बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने आप नेता और दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को धन शोधन के एक मामले में “सुनवाई में देरी” और “लंबे समय तक जेल में रहने” का हवाला देते हुए जमानत दे दी। जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30 मई, 2022 को उनसे कथित तौर पर जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है।
स्पेशल जज विशाल गोगने ने कहा, “मुकदमे में देरी और 18 महीने की लंबी कैद के मद्देनजर और इस तथ्य को देखते हुए कि मुकदमा शुरू होने में लंबा समय लगेगा आरोपी राहत के लिए पात्र है।” न्यायाधीश ने 50 हजार रुपये के जमानत बॉण्ड भरने और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर राहत देने का फैसला सुनाया। ईडी का मामला 2017 में सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जैन के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।