नई दिल्ली : कांग्रेस ने राज्यसभा उप-चुनाव के लिए पार्टी नेता अभिषेक मनु सिंघवी को चुनाव मैदान में उतारा है। अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से पार्टी के उम्मीदवार होंगे। पार्टी की तरफ से लेटर जारी कर अभिषेक मनु सिंघवी के उम्मीदवारी की जानकारी दी गई। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की तरफ से जारी लेटर में कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तेलंगाना से राज्य सभा के आगामी उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अभिषेक मनु सिंघवी की उम्मीदवारी को मंजूरी दे दी है।
यह सीट बीआरएस सांसद के. केशव राव के इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल होने के बाद खाली हुई थी। राव का अभी दो साल का कार्यकाल बचा हुआ था। ऐसे में कांग्रेस सिंघवी के लिए सीट सुरक्षित करने के लिए तेलंगाना विधानसभा में अपनी ताकत पर निर्भर करेगी। उपचुनाव 3 सितंबर को होना है। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के बहुमत के आधार पर, पार्टी को खाली हुई सीट जीतने और राज्यसभा में अपने सदस्यों की संख्या 27 तक ले जाने का भरोसा है।
इस साल फरवरी में हुए हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था। सिंघवी कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से हार गए थे। कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। उस समय दोनों उम्मीदवारों अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी समर्थित हर्ष महाजन को 34-34 वोट मिलने के कारण चुनाव परिणाम टाई हो गया था। ऐसे में पर्ची से विजेता का फैसला हुआ था। राज्यसभा में सिंघवी के नाम की पर्ची निकली थी। हालांकि, इस चुनाव में पर्ची निकलने वाले उम्मीदवार को हारा माना जाता है।
वर्तमान में 229 सदस्यों वाले राज्यसभा में बीजेपी के 87 सांसद हैं। इसके सहयोगी दलों के साथ यह संख्या 105 है। छह मनोनीत सदस्यों, जो आमतौर पर सरकार के पक्ष में वोट करते हैं, को मिलाकर एनडीए के सांसदों की संख्या 111 हो जाती है। यह 115 के बहुमत के आंकड़े से चार कम है। राज्यसभा में कांग्रेस के 26 सदस्य हैं। वहीं सहयोगी दलों के 58 सदस्य और जुड़ने से विपक्षी गठबंधन के सदस्यों की संख्या 84 हो गई है।
प्रमुख तटस्थ दलों में 11 सदस्यों वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और आठ सदस्यों वाली बीजू जनता दल शामिल हैं। नौ राज्यों की 12 खाली हुई राज्यसभा सीटों के लिए 3 सितंबर को चुनाव होगा। बीजेपी और इसके सहयोगी दलों को चुनाव में 12 में से 11 सीट मिलने की उम्मीद है। इससे 245 सदस्यीय सदन में एनडीए का संख्याबल 122 हो जाएगा।