पहली बार अपने भव्य महल में अबीर-गुलाल खेलेंगे रामलला, ट्रस्ट की ओर से की गईं व्यापक तैयारियां
अयोध्या: प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रामनगरी में मनाए जा रहे रामोत्सव का रंग पवित्र पावन बसंत पंचमी के अवसर पर और गहरा होने जा रहा है। 500 वर्षों के बाद पहली बार रामलला अपने भव्य मंदिर में रंगोत्सव में अबीर और गुलाल खेलेंगे। इसे लेकर ट्रस्ट की ओर से व्यापक तैयारियां भी की गई हैं। रामलला द्वारा पहली बार अपने महल में रंगोत्सव मनाए जाने को लेकर यहां आने श्रद्धालु भी अह्लादित हैं। बसंत पंचमी पर अयोध्या धाम के मठ-मंदिरों में रंगोत्सव का परंपरागत आयोजित होता आ रहा है। 22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला मौका होगा जब टेंट और अस्थाई मंदिर से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान हुए रामलला अपने खुद के भव्य महल में रंगोत्सव की परंपरा के तहत अबीर और गुलाल खेलेंगे।
इसके अलावा सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी समेत अयोध्या धाम के पाचं हजार मंदिरों में भी रंगोत्सव का बुधवार से प्रारंभ हो जाएगा, जो होली उत्सव तक अनवरत जारी रहेगा। बसंत पंचमी से अयोध्या के मंदिरों में भगवान व भक्तों के बीच अबीर- गुलाल के साथ जमकर होली खेलने की परंपरा शुरू होती है। 40 दिन तक मठ-मंदिरों में आरती पूजन के बाद भगवान को अबीर और गुलाल लगाते हैं। पुजारी भगवान के इस गुलाल का प्रसाद रंगोत्सव में शामिल भक्तों को देते हैं।
पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार इस दिन रामलला को प्रातः स्नान के बाद सुंदर वस्त्र और आकर्षक विशेष वस्त्र धारण कराए जाएंगे। आरती पूजन के बाद उन्हें अबीर गुलाल भी लगाए जाने के साथ विशेष व्यंजनों का भोग भी लगाया जाएगा। अयोध्या धाम में रामलला के भव्य मंदिर के साथ बसंत पंचमी पर शुरू हो रहे रंगोत्सव में इस बार खास दृश्य रहेंगे। एक ओर जहां बड़ी संख्या में रामनगरी में मौजूद श्रद्धालु रामलला रंगोत्सव के साक्षी बनेंगे। वहीं हनुमानगढ़ी पर भी पारंपरिक ढंग से रंगोत्सव का विशेष कार्यक्रम होगा। बुधवार भोर में चार बजे मंगला आरती होगी। उसके 5 बाद रामलला के शृंगार पूजन और अबीर गुलाल लगाए जाने के साथ रंगोत्सव विधिवत रूप से होली तक के लिए प्रारंभ हो जाएगा।