जल्दी सोने और उठने की आदत सिर्फ बड़ों के लिए ही फायदेमंद नहीं होती बल्कि ये बच्चों के लिए भी उतनी भी हेल्दी हैबिट है। अमेरिका की ब्रिंगहैम यंग यूनिवर्सिटी ने हाल ही में एक स्टडी की है जिसके मुताबिक जो टीनएजर सुबह देर से उठते हैं, उनमें आलस, मोटापा के साथ ही डायबिटीज होने की संभावना भी काफी हद तक बढ़ जाती है क्योंकि थकान महसूस होने पर वो मीठी चीज़ों से एनर्जी लेने की कोशिश करते हैं। स्टडी के दौरान रिसर्चर्स ने हफ्तेभर तक टीनएजर्स के खाने के पैटर्न को एब्जॉर्ब किया।
कैसे की गई मॉनिटरिंग?
इसके लिए हफ्तेभर एक रात को 6.5 घंटे की नींद लेने पर और अगले हफ्ते में रात को 9.5 घंटे सोने और उठने के बाद खाने की मॉनिटरिंग की गई। दोनों ही स्टेप्स में उन्होंने एक ही तरह की कैलोरी का सेवन किया। जिसमें फल और सब्जी की मात्रा कम थी और खानपान की ऐसी। चीज़ें ज्यादा शामिल थी जो ब्लड में शुगर की मात्रा बढाने का काम करते हैं।
नींद उतनी लें, जितना जरूरी हो
डॉ. डुरासियो बताती हैं टीनएजर्स का मोटापा एक महामारी बनता जा रहा है इसलिए खाने के साथ-साथ सोने के पैटर्न पर भी गौर करना जरूरी है। अगर टीनएजर्स के बढ़ते वजन को रोकना है तो पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। इसके अलावा ब्रेकफास्ट में प्रोटीन रिच फूड प्रोडक्ट्स को जगह दें।
क्या मानना है रिसर्चर्स का?
रिसर्चर्स के मुताबिक थके हुए टीनएजर्स ने एक दिन में औसत करीब 12 ग्राम चीनी ज्यादा खाई। यानी सालभर में 2.5 से 3 किलो चीनी अतिरिक्त शरीर मे पहुंची। यह रोज तीन अतिरिक्त चम्मच के बराबर है।
स्टडी की प्रमुख लेखक डॉ. कारा डुरासियो बताती हैं, हम क्या खा रहे हैं इस पर ध्यान देना जरूरी है बजाय कितनी मात्रा में खा रहे हैं इस पर। उनके मुताबिक, अगर हम बॉडी में शुगर लेवल बढ़ाने वाले डाइट जैसे कार्बोहाइड्रेट या एक्स्ट्रा शुगरी फूड आइटम्स खाते हैं तो यह एनर्जी बैलेंस को निगेटिव तरीके से प्रभावित करता है। साथ ही फैट को जमा करने लगता है। जिसकी वजह से मोटापे का शिकार होते जाते हैं।