गरुड़ पुराण के अनुसार जिस घर पर किए जाते हैं ये काम, वहां लग जाता है दुखों का अंबार
नई दिल्ली : गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है जिसे 18 महापुराणों में एक माना गया है. गरुड़ पुराण में बताए गए ज्ञान और नीति-नियम के बातों पर जो व्यक्ति अमल करता है उसे जीवन में कभी भी किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है.
गरुड़ पुराण ग्रंथ में भगवान विष्णु बताते हैं कि, कौन सा कार्य कर्म और धर्म संगत है और कौन सा नहीं. धर्म-कर्म और नीति-नियम के साथ ही गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद यमलोक की यात्रा और स्वर्ग-नरक के बारे में भी बताया गया है. गरुड़ पुराण में बताई बातों का अनुसरण करने पर व्यक्ति को सही और गलत कार्यों के बीच के भेद के बारे में पता चलता है, जिससे कि वह कर्म-धर्म की राह में चलकर बेहतर जीवन जी सके. इससे व्यक्ति न केवल जीवन में सुखी रहता है बल्कि मृत्यु के बाद उसे सद्गति की प्राप्ति होती है.
इसी तरह गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिसे भूलकर नहीं करना चाहिए. विशेषकर घर की स्त्रियों को ये काम बिल्कुल भी नहीं करने चाहिए. ये काम घर के दुख और दरिद्रता का कारण बनते हैं. जानते हैं क्या है वो काम.
अन्न का दान नहीं करना: दान करना बहुत ही पुण्य का काम होता है. अन्न का दान करने से न केवल आपका बल्कि सात पीढ़ियों का कल्याण होता है. इसलिए अन्न का दान जरूर करें और भूखे व जरूरतमंदों को अपने सामर्थ्यनुसार भोजन जरूर कराएं.
पति से न रहें दूर: पत्नी पति की अर्धांगिनी होती है. यानी पति का आधा अंग. गरुड़ पुराण के अनुसार किसी भी पत्नी को अपने पति से दूर नहीं रहना चाहिए. खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए पति-पत्नी का साथ रहना बहुत जरूरी है. यदि किसी कारण दोनों के बीच मतभेद भी हो जाए, तब भी पति से दूर न रहे. लंबे समय तक पति-पत्नी के दूर रहने से रिश्ते में दरार पैदा हो सकती है और पारिवारिक परेशानियां बढ़ सकती हैं.
किसी का अपमान न करें: कभी भी किसी का अपमान न करें. इसलिए अपने मुख से ऐसा कोई कठोर शब्द न बोले, जिससे किसी का मन दुखी हो. इसलिए कोई आपसे उम्र में छोटा हो या बड़ा सभी से विनम्रता से बात करें और गलत शब्दों का इस्तेमाल न करें.