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शेख हसीना के बैंक लॉकर की जांच: सरकारी एजेंसियों के अनुसार 9 किलो सोने के गहने बरामद

ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को हाल ही में मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी करार देते हुए कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस फैसले के आधार पर शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग भी भारतसरकार से की थी. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की मुश्किलें कम होती नहीं नजर आ रहीं. शेख हसीना की मुश्किलें अब और बढ़ती नजर आ रही हैं. बांग्लादेश के एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) शेख हसीना के खिलाफ अब भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के नए मामले दर्ज करने की तैयारी में है. एसीसी ने शेख हसीना से संबंधित संपत्तियों की जांच तेज कर दी है. बांग्लादेश की सेंट्रल इंटेलिजेंस सेल और नेशनल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने हाल ही में शेख हसीना के बैंक लॉकर्स की जांच की थी.

बांग्लादेशी एजेंसियों का दावा है कि शेख हसीना के दो लॉकर्स से नौ किलो से अधिक सोने के गहने और पीएम पद पर रहते हुए मिले महंगे गिफ्ट मिले हैं. शेख हसीना के लॉकर्स में सोने के गहने और महंगे गिफ्ट्स के साथ ही कई कीमती वस्तुएं भी मिली हैं. बांग्लादेशी अधिकारियों का यह भी कहना है कि इनमें से कई वस्तुओं को प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए या उसके बाद, घोषित नहीं किया गया था. एसीसी अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कर विस्तृत जांच की तैयारी में है. एसीसी की जांच का फोकस आय के स्रोत पर होगा. एजेंसी यह भी देखेगी कि इन संपत्तियों को पूर्व पीएम ने वैध प्रक्रिया के अनुसार अपनी संपत्ति घोषित की थी या नहीं. एसीसी इस बात की भी जांच करेगी कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री रहते क्या किसी तरह की वित्तीय अनियमितता हुई थी?

सूत्रों की मानें तो एसीसी पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ दो-तीन नए केस दर्ज करने की तैयारी में है. गौरतलब है कि छात्रों के आरक्षण विरोधी आंदोलन के बाद शेख हसीना को भारत में शरण लेनी पड़ी थी. मोहम्मद युनूस की अगुवाई में अंतरिम सरकार के गठन के बाद शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का सिलसिला जारी है. बांग्लादेश में हालात ऐसे हैं कि अवामी लीग का लगभग हर प्रमुख नेता किसी न किसी मामले में वित्तीय जांच के दायरे में है. शेख हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई मामले अंतरिम सरकार में खोल दिए गए हैं. पहले से ही मुश्किलों में घिरीं शेख हसीना और उनकी पार्टी के नेताओं की मुश्किलें नए केस से और बढ़ सकती हैं.

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