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दिल्ली दंगों में दर्ज 695 से 88 मामलों में आरोपियों को सजा, घटना को बीत चुके हैं 4 साल

नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों में लूटपाट और आगजनी करने और गैर कानूनी तरीके से इकट्ठा होने से जुड़े 88 मामलों में सज़ा सुनाई गई है। इस दौरान पुलिस ने दंगाइयों के खिलाफ 695 मामले दर्ज किए थे। बता दें कि इन दंगों की घटनाओं को चार बीत चुके हैं।

367 मामलों में दायर की गई है चार्जशीट
पुलिस सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली दंगे को लेकर कुल 695 मामले दर्ज किए गए थे जिनमें से क़रीब आधे यानी 53 फ़ीसदी (367) मामलों में चार्जशीट दायर की गई थी। इनमें से 14 मामलों में आरोप तय करते वक्त सबूत न होने के कारण व्यक्ति को डिस्चार्ज कर दिया गया, प्राथमिकी कैंसिल करने के कारण चार मामले आगे नहीं बढ़े और पांच मामलों में क्लोजर रिपोर्ट फाइल की गई। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 फीसदी यानी 68 मामलों में एक व्यक्ति को बरी किया गया है जबकि 16 फीसदी यानी 20 मामलों में व्यक्ति को सजा सुनाई गई है। जिन मामलों में व्यक्ति को बरी किया गया है उनमें दोनों ही समुदाय के लोग शामिल हैं।

अब तक 47 लोगों को सजा सुनाई गई
पुलिस सूत्रों के हवाले से आगे रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक दर्ज किए गए 695 मामलों में से 47 को सज़ा सुनाई जा चुकी है जबकि 183 को बरी कर दिया गया है। 1,728 लोग जमानत पर बाहर हैं, 108 जेल में हैं और 50 को डिस्चार्ज कर दिया गया है। जिन 68 मामलों में व्यक्ति को बरी किया गया उनमें से 45 मामलों में गवाह अपने बयान से पलट गए थे। तीन मामलों में पुलिस चश्मदीद का पता नहीं लगा पाई। इनमें से अधिकतर मामलों में दंगे करने और गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने के आरोप लगाए गए थे, लेकिन कोर्ट में गवाह आरोपी की पहचान नहीं कर पाया।

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