घटिया सड़क निर्माण, इंस्पेक्शन पर PWD मंत्री के क्षेत्र में इंजीनियरों पर एक्शन
भोपाल : लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के गृह जिले सागर और संभाग के जिलों में किए गए सड़क निर्माण के निरीक्षण के बाद आधा दर्जन इंजीनियरों पर सस्पेंसन और कारण बताओ नोटिस जारी करने की कार्यवाही की गई है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह द्वारा कराई गई जांच के बाद कार्यपालन यंत्रियों, सहायक यंत्रियों और उपयंत्रियों पर कार्यवाही हुई है। टीकमगढ़ के ईई सस्पेंड हुए हैं तो सागर के ईई को नोटिस मिला है। इसके इसके अलावा छतरपुर और दमोह जिले में भी निलंबन संबंधी कार्यवाई हुई है।
विभाग के प्रमुख सचिव ने प्रमुख अभियंता नरेंद्र कुमार कोे सागर संभाग के निर्माण कार्यों के निरीक्षण के आदेश दिए थे। इसके बाद प्रमुख अभियंता द्वारा टीकमगढ़ जिले में 9 फरवरी को किए गए निरीक्षण में पाया गया कि जिले में मार्गों का रखरखाव एवं निर्माण ठीक नहीं है। पठा बुडेरा किशनपुरा मार्ग, लिधौरा बायपास मार्ग समेत अन्य मार्गों की स्थिति परफारमेंस गारन्टी की अवधि में होने के बावजूद खराब है। यहां सड़कों का मेंटेनेंस नहीं कराया जाना पाया गया। डामर नवीनीकरण कार्य के निरीक्षण में पता चला कि जतारा, खरगापुर एवं लिधौरा चंदेरा गोरठ मार्ग की भी हालत अधिक खराब है तथा घटिया कार्य कराया जा रहा है। इसे देखते हुए प्रभारी कार्यपालन यंत्री टीकमगढ़ आरके विश्वकर्मा को जिम्मेदार मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। इसी तरह पीडब्ल्यूडी सागर के प्रभारी कार्यपालन यंत्री एचएस जायसवाल को कारण बताओ नोटिस जारी हुए हंै।
मुख्य अभियंता आरएल वर्मा द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक प्रमुख सचिव लोनिवि के निर्देशानुसार सागर जिले के कार्यों का निरीक्षण प्रमुख अभियंता द्वारा किया। इसमें पाया गया कि किशनपुरा मुगरयाउ मार्ग जिसकी लम्बाई 16 किमी है। इस मार्ग के अंत में जंक्शन पर लगभग 100 मीटर में डीबीएम का कामोशन नहीं किया गया है। पुल पुलियों में सीसी की फिनिशिंग नहीं है। कलवर्ट के लिए फेसवाल की ऊंचाई समान नहीं रखी गई। चेनेज 1100 से 12500 में सबग्रेड का कार्य किया जाना प्रतीत नहीं होता है। इस प्रकार में वर्कमेनशिप की कमी देखी गई है जिससे स्पष्ट है कि कार्यपालन यंत्री द्वारा मार्ग निर्माण के संबंध में गुणवत्ता पर ध्यान न दिये जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। साथ ही कार्य के समय मार्ग का निरीक्षण नहीं किया गया है।
सागर जिले के कार्यों का निरीक्षण में रहली में पदस्थ उपयंत्री हजारीलाल पटेल को भी निलंबित कर दिया गया है। रानगिर पहुंच मार्ग में नवीनीकरण कार्य नं. 7 किमी के किमी 5/10 पर परीक्षण करने पर डामर की मोटाई 11 से 12 एमएम पाई गई, जबकि मानक स्तर अनुसार 20 एमएम निर्धारित है। इसे देखते हुए सब इंजीनियर को सस्पेंड किया गया है। आदेश में कहा गया है कि कार्य के दौरान निरीक्षण एवं सामग्री का परीक्षण नहीं कराया गया। निलंबन अवधि में उपयंत्री पटेल का मुख्यालय कार्यपालन यंत्री लोनिवि संभाग दमोह किया गया है।