उत्तराखंड

यूकेएसएसएससी-UKSSSC वीपीडीओ भर्ती घपले में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के करीबी पर भी एक्शन

देहरादून। उत्तराखण्ड में भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधलियों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत का पालन करते हुए उत्तराखंड एसटीएफ़ ने बड़ी कार्रवाई की है। यूकेएससीसी की ओर से 2016 में कराई गई वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में धांधली की जांच में शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के करीबी यूकेएससीसी के पूर्व चेयरमैन आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ़्तार कर लिया गया है।

आरबीएस रावत पूर्व पीसीसीएफ भी रहे हैं। साथ ही तीरथ रावत सरकार में सलाहकार बनाए गए थे। बताया जा रहा है कि एसटीएफ द्वारा पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर 8 अक्टूबर 2022 को 1 तत्कालीन अध्यक्ष UKSSSC डॉ रघुवीर सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सिंह रावत निवासी 188/1ऑफिसर सोसायटी वसंत विहार देहरादून, 2 तत्कालीन सचिव UKSSSC मनोहर सिंह कन्याल पुत्र प्रताप सिंह कन्याल निवासी वन 169/2 वन विहार शिमला बायपास देहरादून, वर्तमान पद- सँयुक्त सचिव लेखा सचिवालय देहरादून, तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक UKSSSC राजेंद्र सिंह पोखरिया पुत्र स्वर्गीय प्रेम सिंह पोखरिया निवासी 1/29 कृष्ण पुरम माजरी माफी आईआईपी मोहकमपुर देहरादून को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और माननीय न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

मालूम हो कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा दिनांक 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा करवाई गई थी। उक्त परीक्षा 6 मार्च 2016 को समस्त 13 जनपदों के 236 परीक्षा केंद्रों में संचालित की गई थी। उक्त परीक्षा में कुल 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था। उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी, तब आवेदकों के लिहाज से सबसे बड़ी परीक्षा होने के बावजूद सिर्फ 24 दिन में रिजल्ट जारी कर दिया गया। जिस पर तमाम सवाल उठने के बाद परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। 2014 में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग गठित होने के बाद, आयोग ने वीपीडीओ के लिए पहली बड़ी परीक्षा आयोजित की थी।

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