अडानी का ई-मोबिलिटी के लिए है बड़ा प्लान, अब महिंद्रा के साथ हुई ये डील
नई दिल्ली: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट यानी ई-मोबिलिटी तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अडानी ग्रुप की कोशिश है कि वह इस सेक्टर में अपने दखल को बढ़ाए. इसलिए अडानी ग्रुप इस सेगमेंट में फ्लीट ऑपरेशन से लेकर चार्जिंग सॉल्युशंस की दिशा में काम कर रहा है. अब अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी टोटल गैस ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ भी एक डील साइन की है.
अडानी टोटल गैस की एक यूनिट ‘अडानी टोटल एनर्जी ई-मोबिलिटी लिमिटेड’ (एटीईएल) अब देशभर में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगी. इन सभी चार्जिंग स्टेशन पर महिंद्रा एंड महिंद्रा को अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने के लिए एक्सक्लूसिव स्पेस मिलेगा. इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच एक एमओयू भी साइन हुआ है.
दरअसल महिंद्रा एंड महिंद्रा ने देश भर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए अडानी टोटल गैस के साथ ये डील की है. एमओयू के मुताबिक दोनों कंपनियां देश में एक विस्तृत ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण का खाका तैयार करेंगी. इस साझेदारी के तहत दोनों कंपनियां स्पेस की खोज, उपलब्धता, नेविगेशन और लेनदेन इत्यादि में आसान चार्जिंग नेटवर्क की स्थापना करेंगी और ग्राहकों के लिए ई-मोबिलिटी सॉल्यूशंस पेश करेंगी. इससे महिंद्रा की इलेक्ट्रिक कार XUV400 के ग्राहकों की पहुंच इन स्पेशल 1,100 से अधिक चार्जर तक होगी.
ईवी सेगमेंट के लिए इससे पहले अडानी ग्रुप की एक और कंपनी बड़ा चार्जिंग नेटवर्क बनाने का ऐलान कर चुकी है. अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड मुंबई के अपार्टमेंट ब्लॉक्स में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए 8,500 से अधिक चार्जर लगाने की योजना पर काम कर रही है. अडानी की इस कंपनी ने एक Share Charge इनशिएटिव भी शुरू किया है, जिसके तहत कई वाहन मालिक एक ही चार्जिंग ढांचे का उपयोग कर सकते हैं. इनके लिए वाहन मालिक अपने कार चार्जिंग टाइम के स्लॉट को पहले से सिलेक्ट कर सकते हैं और सीधे मोबाइल ऐप से पेमेंट कर सकते हैं.
इससे पहले अडानी ग्रुप ने अपनी सुपर ऐप Adani One के लिए उबर से डील की थी. इसके हिसाब से अडानी वन ऐप पर लोगों को उबर की सर्विस अवेल करने की सुविधा मिल सकती है. वहीं अडानी ग्रुप जो पहले से कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल फ्लीट जैसे कि बस, कोच और ट्रक्स को चलाती है, उसी तरह इलेक्ट्रिक कार की फ्लीट को भी चला सकती है.
अडानी ग्रुप कार मैन्यूफैक्चरिंग नहीं करता है, लेकिन अपने एयरपोर्ट और पोर्ट के ऑपरेशंस को चलाए रखने के लिए उसे बड़े स्तर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल की जरूरत पड़ती है. ऐसे में उबर के साथ डील के तहत अडानी ग्रुप इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदेगा, उनकी ब्रांडिंग पर काम करेगा और फिर उसे उबर की फ्लीट के साथ जोड़ देगा.