मध्य प्रदेशराज्य

जिले में यूरिया उर्वरक का पर्याप्त मात्रा में भण्डारण

धार : उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि खरीफ सीजन 2022 में जिले में अब तक कुल रासायनिक उर्वरक 156175 मेट्रीक टन का भण्डारण कर 121340 मेट्रीक टन वितरण किया जा चुका है। वर्तमान में 34835 मेट्रीक टन उर्वरक शेष हैं। वर्तमान में जिले में सहकारिता क्षेत्र में यूरिया 3293 मेट्रीक टन तथा निजी विक्रेताओं के पास 4754 मेट्रीक टन कुल 8047 मेट्रीक टन यूरिया जिले में उपलब्ध हैं। जिसमें डबल लॉक केन्द्र कुक्षी में 161 मेट्रीक टन, राजगढ़ में 355 मेट्रीक टन, बदनावर 161 मेट्रीक टन, मनासा 93 मेट्रीक टन उपलब्ध होकर सहकारी समितियों में आवश्यकता अनुसार भण्डारण की प्रकिया जारी हैं।

इसी प्रकार कृभको का यूरिया 60 मेट्रीक टन प्रतिदिन हजीरा गुजरात प्लांट से प्राप्त होकर समितियों में भण्डारण की प्रकिया निरंतर जारी हैं। 80 मेट्रीक टन यूरिया रतलाम रेक पांईट से भी प्राप्त होगा तथा आगामी दो दिवस में खण्डवा रेक पाईन्ट से 350 मे.टन मनावर डबल लॉक केन्द्र के लिये यूरिया प्राप्त हो रहा हैं। साथ ही मांगलिया रेक पाईन्ट इन्दौर पर लगने वाली चम्बल फर्टीलाईजर की यूरिया रेक भी लोडिंग में गई हैं जो सोमवार तक लगने की संभावना हैं। इस रेक से जिले को 900 मे.टन यूरिया प्राप्त होगा। जिनका समितियों में भण्डारण किया जावेगा। उन्होंने बताया कि जो किसान समितियो के सदस्य नहीं हैं या डिफाल्टर हैं, उन किसानों के लिये नगद पर डबल लॉक केन्द्र कुक्षी, मनावर, बदनावर, धामनोद, धार, मनासा तथा मार्केटिंग समिति कुक्षी, राजगढ़ मनावर, बदनावर, धार से वितरण कार्य किया जा रहा हैं।

जिले में गतवर्ष अगस्त 2021 तक कुल 54405 मेट्रीक टन यूरिया प्राप्त होकर 49426 मेट्रीक टन वितरण किया गया था। जिसकी तुलना में इस वर्ष अभी तक कुल 64197 मेट्रीक टन प्राप्त होकर 53275 मेट्रीक टन वितरण हो चुका हैं जो गतवर्ष की अपेक्षा अधिक उपलब्ध हो चुका हैं। उर्वरक के सुचारू रूप से वितरण करने हेतु विकास खण्ड अंतर्गत पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई हैं।

उन्होंने किसानों से अनुरोध किया है कि जिले में यूरिया उर्वरक का पर्याप्त मात्रा में भण्डारण हैं तथा अपनी खरीफ फसलों की आवश्यकता एवं वैज्ञानिक अनुशंसा के अनुसार ही यूरिया प्राप्त किया जावे। साथ ही किसान उर्वरक क्रय करते समय पक्का बिल अवश्य प्राप्त किया जावे व अनावश्यक रूप से आवश्यकता से अधिक यूरिया क्रय नहीं किया जावे।

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