ओंकारेश्वर में 198 करोड़ की लागत से बनेगी आदि शंकराचार्य की प्रतिमा, 104 फीट होगी ऊंची
भोपाल : मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर (Omkareshwar) में आदि शंकराचार्य (Adi Shankaracharya) की विशाल मूर्ति स्थापित करने का फैसला लिया है. अष्टधातु की विशाल प्रतिमा के लिए 198.25 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है. इसके लिए पूरा प्लान भी तैयार हो गया है. गुजरात (Gujarat) में नर्मदा के किनारे सरदार वल्लभ भाई पटेल (Vallabhbhai Patel) की विशाल प्रतिमा पूरे देश के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा बनाने का काम शुरू हो गया है. शिवराज सरकार की कैबिनेट ने इसके लिए 198.25 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी है.
सबसे खास बात यह है कि ओंकारेश्वर आदि शंकराचार्य की दीक्षा स्थली मानी जाती है. साधु-संतों द्वारा लंबे समय से यहां पर आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा स्थापित किए जाने की बात भी सरकार के सामने रखी जा रही थी. अखाड़ा परिषद की ओर से भी सरकार के पास प्रस्ताव पहुंचा था, जिसे अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है.
गौरतलब है कि 12 ज्योतिर्लिंगों में दो प्रमुख ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर है. मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने महाकाल प्रोजेक्ट के जरिए महाकाल लोक को साकार रूप दे दिया है. इसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हो गया है. अब ओंकारेश्वर की ओर सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं. यह दावा किया जा रहा है कि सितंबर 2023 तक आदि शंकराचार्य की 104 फीट लंबी ऊंची प्रतिमा बनकर तैयार हो जाएगी. मतलब साफ है कि विधानसभा चुनाव के पहले इस प्रतिमा का भी उद्घाटन हो जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी का कायाकल्प करते हुए मंदिर का विस्तारीकरण और जीर्णोद्धार करवाया. इसी तर्ज पर शिवराज सरकार ने महाकाल लोक के सपने को साकार किया. जिस तरह केंद्र की मोदी सरकार और गुजरात की बीजेपी सरकार ने गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल की विशाल प्रतिमा का निर्माण कराया, उसी तर्ज पर शिवराज सरकार आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा बनवा रही है. इन्हीं कार्यों में समानता को देखते हुए यह कहा जा रहा है कि मोदी सरकार के नक्शे कदम पर शिवराज सरकार चलती नजर आ रही है.