
अवैध कोल्हू सिंडिकेट के आगे प्रशासन बेबस, बढ़ता प्रदूषण बना खतरा
–राजेश जोशी
बहराइच : मिहींपुरवा क्षेत्र में अवैध कोल्हुओं का फैलता नेटवर्क प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। कई बार खबरें प्रकाशित होने और शिकायतें दर्ज होने के बावजूद हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। क्षेत्र में करीब 200 अवैध कोल्हू संचालित हो रहे हैं, जिनमें से किसी के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का लाइसेंस नहीं है। नवीन तहसील परिसर तक वायु प्रदूषण का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है। गुड़ निर्माण के लिए खतरनाक रसायन हाइड्रो का खुलेआम प्रयोग किया जा रहा है, जिससे उत्पाद की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ने के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। नगर पंचायत क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है और लोग सांस संबंधी समस्याओं से परेशान हैं।
प्रशासन द्वारा कई बार कार्रवाई की बात कही गई, लेकिन कोल्हू संचालकों का संगठित सिंडिकेट हर प्रयास को प्रभावहीन कर देता है। जुर्माने और नोटिस के बाद भी उत्पादन बेखौफ जारी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता और मिलीभगत के कारण यह अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि बिना लाइसेंस संचालन और रसायनों के अंधाधुंध उपयोग से वायु ही नहीं, बल्कि मिट्टी व जल स्रोत भी बुरी तरह प्रदूषित हो रहे हैं। समय रहते कठोर कदम न उठाए गए तो आने वाले दिनों में समस्या और गंभीर हो सकती है। प्रशासन की चुप्पी और कोल्हू सिंडिकेट का बढ़ता प्रभाव यह बड़ा सवाल खड़ा करता है कि जनता की सेहत और पर्यावरण की सुरक्षा आखिर किसकी ज़िम्मेदारी है? क्षेत्र के लोग अब ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि इस बढ़ते प्रदूषण संकट से राहत मिल सके।



