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दारू के बाद अब दवा बनी केजरीवाल के लिए ‘जहर’

देवव्रत

पहले शराब और अब दवा दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल के लिए मुसीबत का सबब बन गयी है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें कम होने के बजाए बढ़ गयी हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को जांच के आदेश दिए हैं। एलजी ने दिल्ली सरकार द्वारा अस्पतालों के लिए खरीदी गई दवाइयों के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि आप सरकार के अस्पतालों में दवाइयां खरीद में कई अनियमितताएं की गयीं। ये दवाइयां सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में परीक्षण के दौरान फेल पाई गई हैं। अर्रंवद केजरीवाल सरकार द्वारा खरीदी गई अप्रामाणिक दवाओं को लेकर एलजी ने यह आदेश दिए हैं। वहीं, दूसरी ओर सीएम अर्रंवद केजरीवाल को कुछ दिन पहले प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में तीसरी बार समन जारी किया है। ईडी ने सीएम से इस मामले में पूछताछ के लिए दफ्तर में पेश होने को कहा है। इसके जवाब में दिल्ली के सीएम ने ईडी के समन को पहली बार की तरह गैरकानूनी करार दिया है मगर कुछ दिन पहले ईडी के समन के दौरान सीएम केजरीवाल पंजाब के होशियारपुर में विपश्यना ध्यान में चले गये हैं। केजरीवाल के ध्यान पर जाने की टाइमिंग को लेकर कई तरह के सवाल होने लगे हैं।

दरअसल, विजिलेंस डिपार्टमेंट ने एक रिपोर्ट में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नकली दवाएं होने की बात कही है। इस पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को जांच कराने का आदेश दिया है। यह भी कहा कि मामले की जांच सीबीआई से कराएं। वहीं इस मामले में भाजपा ने बिना देर किए केजरीवाल सरकार को एक बार फिर भ्रष्टाचार मुद्दे पर घेर लिया है। भाजपा ने आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अर्रंवद केजरीवाल नकली दवाओं के व्यापारी हैं। उनका सब कुछ नकली है। दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि ये नकली दवाएं दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लाखों मरीजों को दी जा रही हैं और शायद मोहल्ला क्लीनिक्स में भी बांटी जा रही है। उन्होंने दवाओं की खरीद में अनियमितताओं पर्र ंचता जताई और दावा किया कि दूसरे राज्यों के सप्लायर और मैन्युफैक्चरर भी इस धांधली में शामिल हैं। सक्सेना ने विजिलेंस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि सरकारी लैबोरेटरी में जो 43 सैंपल भेजे गए थे, उनमें से तीन सैंपल क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं, जबकि 12 रिपोर्ट अभी आनी बाकी हैं। इसके अलावा प्राइवेट लैब को जो 43 सैंपल दिए गए थे, उनमें से पांच सैंपल क्वालिटी पर खरे नहीं उतरे।

केजरीवाल सरकार द्वारा खरीदी गयी पांच ड्रग्स सरकारी और प्राइवेट लैबोरेटरी में फेल हुईं। इनमें एमलोडिपाइन, लेवेटिरासीटम, पैंटोप्राजोल, सेफ्लैक्सीन और डेक्सामेथासोन जैसी दवाएं सरकारी और प्राइवेट दोनों लैबोरेटरीज में फेल हो गई हैं। चंडीगढ़ की एक सरकारी लैब में 11 और सैंपल र्पेंंडग पड़े हैं। वहीं, विजिलेंस डिपार्टमेंट का कहना है कि क्योंकि 10 फीसदी सैंपल क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं, इसलिए सैंर्पंलग स्कोप बढ़ाया जाएगा। दिल्ली के एलजी ने दिल्ली सरकार के सरकारी अस्पतालों में खराब गुणवत्ता की दवाएं मिलने के मामले की जांच की सीबीआई सिफारिश ऐसे वक्त में की है, जब मुख्यमंत्री अर्रंवद केजरीवाल सरकार के कई नेता लगातार भ्रष्टाचार के मामलों में बुरी तरह फंसे हुए हैं। गौरतलब है कि अभी दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और आप से राज्यसभा सदस्य संजर्य ंसह कथित अलग-अलग घोटालों में ईडी और सीबीआई के कार्रवाई के कारण से जेल में हैं। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह दिल्ली शराब घोटाला केस में जेल में हैं, वहीं सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में जेल में है।

अब कथित दवा घोटाले में एक बार फिर आप और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं। खराब गुणवत्ता की दवा मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश पर दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि अभी मेरे पास इसकी कोई जानकारी नहीं है। उसकी पूरी जानकारी जुटाकर सरकार अपना रुख साफ करेगी। गोपाल राय ने कहा कि वैसे सीबीआई जांच की सिफारिश हर तीसरे दिन होती है, लेकिन उन जांच में कुछ निकलता नहीं है। इससे दिल्ली के काम प्रभावित होते हैं। जहां-जहां की फाइल सीबीआई के पास चली जाती है, वहां अधिकारी काम करना बंद कर देते हैं। वहीं दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं, जो सबसे कम समय में भ्रष्टाचार में सबसे चर्चित हो गये हैं। दिल्ली के लोग अपनी उम्र 12 साल कम कर चुके हैं। केजरीवाल ने 24 नवंबर 2012 को ट्वीट किया था कि मेरा सिर शर्म से झुक जाता है, जब कोई नेता ईडी, सीबीआई के समन का सम्मान नहीं करता। यहां ईडी केजरीवाल को तीसरा समन दे चुकी है, लेकिन वे पेश नहीं हो रहे। उनका सब कुछ नकली ही नकली है, नकली व्यक्तित्व और नकली दवाएं। असली है तो बस भ्रष्टाचार और दिल्ली का प्रदूषण। उन्होंने कहा कि ये किसी भी तरह से स्वास्थ्य सेवाओं को जनता से रोकना चाहते हैं। दिल्ली में आयुष्मान योजना नहीं है। ये लोग जनता के शत्रु बने हुए हैं। हम दिल्ली की व्यवस्थाओं को लेकर छठ समितियों, मंदिर समितियों, रामलीला समितियों के पास जाएंगे। हमें दिल्ली को बचाना है। दिल्ली की असली सरकार का नकलीपन जनता को दिखाना है। वहीं, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि कोर्ट ने कहा कि संजर्य ंसह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। किसी-किसी के लिए कहा जाता है कि वो जो बोलते हैं, हो जाता है। केजरीवाल ने कहा कि सत्येंद्र जैन ईमानदार हैं, गिरफ्तार करके दिखाओ। वो गिरफ्तार हो गए। अगर इन्होंने नकली दवाइयां दी हैं तो बख्शे नहीं जाएंगे। दिल्ली की जनता की जान के साथ खिलवाड़ नहीं होने दे सकते।

उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अर्रंवद केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं हुए। उन्होंने दिल्ली शराब नीति केस में ईडी के समन का जवाब भेजा है। इसमें उन्होंने बताया कि वे विपश्यना मेडिटेशन कोर्स के लिए गए हैं। केजरीवाल ने ईडी से कहा कि इस बार का समन पिछली बार की तरह गैरकानूनी है। यह राजनीति से प्रेरित है। मैंने ईमानदारी और पारदर्शिता से अपना जीवन व्यतीत किया है। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए समन वापस लिया जाए। अब ईडी, केजरीवाल को तीसरा नोटिस जारी कर फिर समन भेज सकती है। ईडी तब तक समन जारी कर सकती है, जब तक केजरीवाल सवाल-जवाब के लिए हाजिर नहीं हो जाते। अगर कई नोटिस जारी करने के बाद केजरीवाल एजेंसी के सामने पेश नहीं होते हैं, तो ईडी कोर्ट में एक आवेदन जमा कर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग कर सकती है। इसके अलावा केस की जांच के लिए अधिकारी उनके घर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। एजेंसी ठोस सबूत मिलने पर उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है।

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