आखिर क्यों अधूरी रहती है मां लक्ष्मी के भाई के बगैर हर पूजा, जाने इसके पीछे की वजह
नई दिल्ली : कार्तिक मास (Kartik month) की पूर्णिमा को दिवाली का त्योहार मनाए जाने की परंपरा है. इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी (Goddess Mata Lakshmi) की पूजा की जाती है. ऐसा कहते हैं कि दीपावली की रात हमारे घर में माता लक्ष्मी वास करती हैं और अन्न-धन के भंडार भरती हैं. आपने माता लक्ष्मी (mata lakshmi) के बारे में तो कई बार सुना होगा, लेकिन क्या आप माता लक्ष्मी के भाई के बारे में जानते हैं, जिनके बिना मंदिरों और अनुष्ठानों में पूजा-अर्चना (Worship) अधूरी समझी जाती है.
सनातन धर्म में शंख (shell) को माता लक्ष्मी का भाई माना गया है. यही कारण है कि देवी लक्ष्मी के हाथ में हमेशा एक शंख दिखाई पड़ता है. जैसे महालक्ष्मी (Mahalaxmi) की पूजा किए बगैर धनधान्य की प्राप्ति नहीं की जा सकती है, वैसे ही शंख की ध्वनि के बगैर आध्यात्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करना मुश्किल है. शंख को विजय, समृद्धि, सुख, शांति, यश और कीर्तिमान का प्रतीक माना जाता है.
माता लक्ष्मी की तरह शंख की उत्पत्ति भी सागर से ही हुई है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी. शंख उन 14 रत्नों में से एक है, जो समुद्र मंथन के दौरान निकले थे. इसी वजह से देवी लक्ष्मी और दक्षिणावर्ती शंख दोनों भाई-बहन (siblings) माने गए हैं. शास्त्रों में शंख को लक्ष्मी का छोटा भाई कहा गया है. ऐसा कहा जाता है कि शंख में देवी-देवता वास करते हैं. शंख भगवान विष्णु का सबसे प्रमुख और प्रिय अस्त्र भी है.
आपने अक्सर लोगों के घर के मंदिर में शंख रखा देखा होगा. क्या आप जानते हैं कि घर में शंख रखने के क्या लाभ होते हैं. ज्योतिषियों की मानें तो शंख से निकलने वाली ध्वनि के कान में पड़ने से आरोग्य रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है. ज्योतषविद ये भी कहते हैं कि पूजा के दौरान प्रतिदिन शंख बजाने से सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा टलता है. इसके अलावा, शंख की ध्वनि घर में खुशहाली और सुख-शांति लेकर आती है.
धनतेरस और दिवाली के दिन घर में शुभ चीचें लेकर आने की परंपरा है. ऐसे में आप चाहें तो इन त्योहारों पर मां लक्ष्मी के छोटे भाई शंख को भी घर लेकर आ सकते हैं. इस मामले में वैसे तो दक्षिणावर्त शंख सबसे उत्तम माना जाता है, लेकिन आप वामावर्ति शंख, गणेश शंख, गौमुखी शंख, कौरी शंख, मोती शंख और हीरा शंख भी घर लेकर आ सकते हैं. इसके अलावा, शिवरात्रि और नवरात्रि भी घर में शंख लाने का अच्छा समय माना जाता है.