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आखिर क्यों सानिया मिर्जा हुई थी डिप्रेशन का शिकार, जानें वजह

स्पोर्ट्स डेस्क : 2008 के बीजिंग ओलंपिक से नाम वापस लेने के बाद स्टार भारतीय टेनिस प्लेयर सानिया मिर्जा डिप्रेशन का शिकार हो गयी थी. सानिया को इस बात की चिंता थी कि वो कभी ओलंपिक में खेल पाएंगी या नहीं.

सानिया के मुताबिक, मुझे लगता है कि कई बार हम हमारे जीवन में खुशियां लाने के लिए करियर के भरोसे किया जाता हैं. हम भूल जाते हैं कि करियर जीवन का एक हिस्सा है. ये जिंदगी नहीं है.

सानिया मिर्जा ने ये बात यूट्यूब के ‘माइंड मैटर्स’ के शो में बोली कि चोट के चलते उन्हें बीजिंग ओलंपिक के पहले राउंड से नाम वापस लेना पड़ा था.

टूर्नामेंट के हटने की बात से वो परेशान हुई थी. 34 साल की उम्र में ये बात मुझे समझ आती है लेकिन 20 साल की उम्र में कई बार ऐसा हुआ जब मुझे ईमानदारी से लगा कि मैं अब आगे नहीं जा सकती.

छह बार ग्रैंड स्लैम जीत चुकीं सानिया ने कहा कि, ऐसा ही एक किस्सा तब का है जब मुझे ओलंपिक में मैच के बाद हटना पड़ा था. 2008 बीजिंग ओलिंपिक्स की है और मेरी कलाई में चोट लगी थी. तीन-चार महीनों के लिए मैं डिप्रेशन का शिकार हो गयी थी. मुझे याद है कि मैं बेवजह रोती थी.

मैं पूरी तरह से ठीक होती और रोने लग जाती. एक महीने तक मैं खाना खाने के लिए भी कमरे बाहर नहीं आई थी. सानिया मिर्जा ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता था कि ओलंपिक से नाम वापस लेकर उन्होंने देश को शर्मिंदा किया है. ऐसे में उन्हें इस बारे में हेल्प लेनी पड़ी.

इसके बाद उन्हें अच्छा महसूस होने लगा. मुझे लगता था कि मैं कभी टेनिस नहीं खेल पाऊंगी. मैं चीजें कंट्रोल करने वाली हूं तो अपने हिसाब से चीजें नहीं कर पाई मुझे समझ नहीं आ रहा था. 20 साल की लड़की के लिए ये बड़ी बात है कि उसका करियर खत्म हो जाये या फिर से ओलंपिक में नहीं खेल सके.

उन्होंने अपनी चोट के बारे में बोला कि, मेरी कलाई चोटिल हुई कि मैं बालों में कंघी भी नहीं कर पा रही थी. मैं हाथ भी नहीं हिला पा रही थी और सर्जरी की जरूरत थी.

सर्जरी के बाद हालत और बिगड़ गयी. ये मुश्किल बात थी. मैंने परिवार और देश को शर्मिंदा किया. मेरे परिवार ने मुझे रास्ता दिखाया और मुझे जो जरूरत थी वो हेल्प की.

भारत में खेले गये कॉमनवेल्थ में मैंने दो मेडल अपने नाम किए. सानिया मिर्जा फिलहाल टोक्यो ओलिंपिक्स की तैयारी में लगी हैं जहां पर वो डबल्स इवेंट में खेलेगी.

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