नई दिल्ली (New Delhi)। साउथ सुपरस्टार विशाल (South Superstar Vishal) एक तरफ जहां अपनी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ को लेकर चर्चा में हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने सेंसर बोर्ड पर गंभीर आरोप लगाते हुए सबको चौंका दिया है। अभिनेता ने दावा किया है कि मुंबई सेंसर बोर्ड (Mumbai Censor Board) के दफ्तर के अधिकारियों ने उनसे उनकी फिल्म मार्क एंटनी के हिंदी वर्जन के सर्टिफिकेशन और स्क्रीनिंग के लिए लाखों रुपये की रिश्वत ली है। अब आरोपों को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को अधिकारियों को बोर्ड के प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के उपायों को तेजी से लागू करने का निर्देश दिया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अनुराग ठाकुर ने सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा को प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने और प्रमाणन अधिकारियों के लिए स्क्रीनिंग के लिए निर्धारित की जाने वाली फिल्मों की स्लॉटिंग के लिए आयकर कार्यालय की तर्ज पर एक फेसलेस प्रणाली शुरू करने का निर्देश दिया। यह कार्रवाई तमिल अभिनेता विशाल के आरोपों के बाद हुई, जिन्होंने दावा किया था कि उन्हें अपनी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी संस्करण की स्क्रीनिंग और प्रमाणन के लिए सीबीएफसी के मुंबई कार्यालय को 6.5 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा था।
अधिकारी ने कहा कि अनुराग ठाकुर चाहते हैं कि सीबीएफसी जरूरी मामलों में फिल्मों के तेजी से प्रमाणन के लिए एक पारदर्शी रूल बनाने में तेजी लाए और निगरानी उपायों को और मजबूत करे। मंत्री ने 16 अक्तूबर तक मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। विशाल द्वारा सोशल मीडिया पर आरोप लगाने के तुरंत बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक अधिकारी को मुंबई भेजा।
अधिक रविचंद्रन द्वारा निर्देशित विशाल की साइंस फिक्शन फिल्म ‘मार्क एंटनी’ गुरुवार को हिंदी में रिलीज हुई। फिल्म में एस जे सूर्या, रितु वर्मा, सुनील, सेल्वाराघवन और अभिनय भी हैं। इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने सीबीएफसी अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर चिंता व्यक्त की और मामले में सीबीआई जांच की मांग की। इस मामले में सभी का रुख काफी सख्त है, लेकिन अब देखना यह होगा कि आगे इसमें क्या होता है।