मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री सोमवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय में अधिकारियों के समक्ष पेश हुए। उन पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसकी जांच कई एजेंसियां कर रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक दिन पहले ठाणे से एक बिचौलिए संतोष जगताप को गिरफ्तार किया था, जिसके एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। वह भ्रष्टाचार के सौदों में कथित रूप से शामिल था और गिरफ्तारी से बच रहा था।
देशमुख ने अपने वकील के साथ एजेंसी के सामने पेश होने से पहले एक रिकॉर्डेड बयान में कहा, मैं अदालतों का सम्मान करता हूं। उन्होंने कहा कि इससे पहले जब भी उन्हें ईडी का सम्मन मिला – कम से कम 5 बार – उन्होंने तुरंत जवाब दिया था कि उनका मामला संबंधित अदालतों के समक्ष विचाराधीन है।
यहां तक कि सीबीआई के 2 नोटिसों के लिए भी उन्होंने उन्हीं कारणों का हवाला देते हुए तुरंत जवाब दिया और कहा कि उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उन्होंने कहा, इन सबके बावजूद ईडी-सीबीआई ने मेरे सभी घरों (मुंबई-नागपुर), मेरे परिवार के सदस्यों, मेरे सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। देशमुख ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी पर अप्रत्यक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि यह भी अफवाह फैलाई जा रही थी कि मैं ईडी से बच रहा हूं और फरार हूं, लेकिन मैं आज यहां खुद आया हूं।
उन्होंने यह भी कहा कि सिंह, जिस व्यक्ति ने उन पर फर्जी आरोप लगाए थे, उनका खुद उनकी ही पता नहीं चल रहा है और मीडिया में सामने आई कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, वह कथित तौर पर देश से बाहर चले गए हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, 72 वर्षीय देशमुख को परमबीर सिंह के आरोपों के बाद पद छोड़ना पड़ा था। सिंह ने उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने देशमुख पर कुछ संगीन आरोप लगाए थे। सिंह ने कहा था कि देशमुख ने पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपये की उगाही करने का लक्ष्य दिया था।
देशमुख ने मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली, जबकि उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। यहां तक कि एजेंसियों ने उनकी पत्नी आरती और उनके बेटे हृषिकेश को जांच के लिए बुलाया है, जबकि ईडी ने उनकी 4.20 करोड़ रुपये की संपत्ति के हिस्से को कुर्क भी किया है।
इससे पहले ईडी ने देशमुख के पूर्व करीबी संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया था, इसके बाद सीबीआई ने जगताप को गिरफ्तार किया था। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस कदम का यह कहते हुए स्वागत किया कि वास्तव में, देशमुख के पास ईडी के सामने पेश होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि उन्हें एहसास हो गया था कि वह कानून के लंबे हाथों से बच नहीं पाएंगे।