पिता के बाद बेटे को नहीं मिली अनुकंपा नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह अधिकार नहीं…

नई दिल्लीः भारत में एक आम राय है कि यदि सरकारी नौकरी करने वाले व्यक्ति की सर्विस के दौरान मौत हो जाए तो परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति मिलती है। हालांकि ऐसा नहीं है। अनुकंपा नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। पिता की मौत के बाद अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर एक युवक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी याची को नौकरी देने से इंकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट पहले भी कहता रहा है कि अनुकंपा नियुक्ति को अधिकार न समझा जाए। इसके साथ ही ऐसी नियुक्तियों के लिए उम्मीदवारों का आवश्यक मानदंड पूरा करना अनिवार्य है। कोर्ट का मानना है कि ऐसे लोगों को नौकरी मिलनी चाहिए जो परिवार चलाने के लिए संघर्ष कर रहे हों। इस फैसले के बाद कई लोग तो हैरान रह गए।
जानिए पूरा मामला
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, याची रवि कुमार जेफ के पिता सेंट्रल एक्साइज विभाग में प्रधान आयुक्त थे। सर्विस के दौरान ही अगस्त 2015 में उनका निधन हो गया था। अब रवि ने CGST और सेंट्रल एक्साइज (जयपुर जोन) राजस्थान में अनुकंपा नियुक्ति की मांग की। रवि कुमार का आवेदन विभागीय समिति ने खारिज कर दिया। खबर है कि 19 लोगों ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग की थी, जिसमें से 3 पात्र लोगों को नौकरी दी गई।
क्यों नहीं मिल रही रवि को नौकरी?
रवि कुमार की अनुकंपा नियुक्ति के आड़े उनकी संपति आ रही है। उनके पिता के निधन के बाद परिवार को 85 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन मिलती है। साथ ही उनके पिता 2 बंग्ला और 33 एकड़ जमीन छोड़ कर गए हैं। यही वजह है कि उनको झटके पर झटके लग रहे है। विभागीय समिति द्वारा चयनित न होने के बाद रवि कुमार ने हाईकोर्ट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल का दरवाजा खटखटाया, लेकिन दोनों जगह से रवि के हाथ निराशा लगी।
नौकरी न देने के पीछे विभाग की दलील
इसके बाद बड़ी उम्मीदों के साथ रवि सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहां जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस मनमोहन ने रवि की याचिका खारिज कर दी। मामले में विभागीय समिति ने कहा, ‘दिवंगत सरकारी कर्मचारी के परिवार में पत्नी और उनके बेटा-बेटी हैं। दोनों बच्चे बेरोजगार हैं और शादी नहीं हुई है, परिवार के पास 2 बंग्ले और 33 एकड़ जमीन है। इसके साथ ही प्रतिमाह 85 हजार रुपये पेंशन मिल रही है। यह सब कुछ परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।