जापान में शिंजो आबे की हत्या के बाद बंदूक कानून पर फिर शुरू हुई चर्चा
टोक्यो : जापान में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या के बाद बंदूक कानून पर बहस छिड़ी हुई है। पूरी दुनिया में सबसे सख्त बंदूक कानून जापान में ही लागू है। इसके बावजूद नारा शहर में चुनाव प्रचार के दौरान एक बंदूकधारी ने शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या कर दी। इस हमले के समय शिंजो आबे की सुरक्षा में कई गार्ड भी खड़े थे, लेकिन उनमें से कोई भी हमलावर को गोली चलाने से नहीं रोक पाया। ऐसे में जापानी सुरक्षाकर्मियों की ट्रेनिंग और घटना के समय उनकी भूमिका पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जापान बाकी एशियाई देशों की तुलना में काफी शांत देश है। 2021 में पूरे जापान में बंदूक से जुड़ी सिर्फ 10 घटनाएं ही हुईं, इनमें एक आदमी की मौत हुई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, जापान में किसी भी शख्स को बंदूक खरीदने के लिए 12 चरण की लंबी और कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसके बाद ही उस व्यक्ति को सरकारी तौर पर बंदूक रखने का लाइसेंस मिल पाता है। लाइसेंस मिलने पर भी अगर वह किसी भी कानून का उल्लंघन करते पकड़ा जाता है तो उसकी बंदूक सबसे पहले जब्त की जाती है। ऐसे में लोग आत्मरक्षा के लिए बंदूक की जगह तलवार और चाकू रखना ज्यादा पसंद करते हैं। मार्शल आर्ट के शौकीन जापानियों के लिए तलवार सबसे पसंदीदा हथियार है। ऐसे में लोग बेवजह परेशान होने से बचने के लिए बहुत ही कम संख्या में लाइसेंस के लिए आवेदन करते हैं।
जापान में बंदूक खरीदने के 12 चरण
1- बंदूक खरीदने से पहले पूरे एक दिन नियम और कानून से संबंधित पढ़ाई होती है। जिसके बाद लिखित परीक्षा को पास करना जरूरी होती है। यह एक साल में तीन बार आयोजित की जाती है।
2- बंदूक खरीदने वाले शख्स के मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन और ड्रग्स टेस्ट किया जाता है। इसके बाद बंदूक रखने के लिए योग्य डॉक्टर से फिटनेस सर्टिफिकेट लेना होता है।
3- इसके बाद हथियार फायरिंग पर एक ट्रेनिंग कोर्स करने के लिए परमिट हेतु आवेदन करना होता है।
4- पुलिस के साथ इंटरव्यू में बंदूक रखने की वजह को अच्छे तरह से समझाना होता है, जिससे प्रशासन की अनुशंसा प्राप्त किया जा सके।
5- इसके बाद खरीदार को अपने आपराधिक रिकॉर्ड, व्यक्तिगत कर्ज, परिवार और दोस्तों के साथ संबंधों और संगठित अपराध के किसी भी संभावित कनेक्शन को बताना होता है।
6- बारूद रखने के परमिट के लिए आवेदन करना होता है।
7- इसके बाद खरीदार को निशानेबाजी का टेस्ट देना होता है, जिसमें पास होने के लिए कम से कम 95 फीसदी के स्कोर की जरूरत होती है। इसे हर तीन साल में करना आवश्यक होता है।
8- जिस बंदूक को खरीदना होता है, उसके बारे में डीलर से एक सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है।
9- बंदूक रखने के लिए एक तिजोरी और उसकी गोलियों के लिए एक दूसरा लॉकर खरीदने की आवश्यक्ता होती है।
10- चिजोरी और लॉकर का निरीक्षण और प्रमाणित करने का काम पुलिस का होता है। इसे हर साल दोहराया जाता है।
11- इसके बाद एक बार फिर बंदूक के खरीदार की पृष्ठभूमि की समीक्षा की जाती है। इसमें पास होने पर ही लाइसेंस जारी किया जा सकता है।
12- एक बंदूक खरीदें। खरीदार को केवल एक ही हथियार के मालिक होने की अनुमति है। एक से अधिक होने पर 15 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
कानून तोड़ा तो 10 से 15 साल की सजा तय
आखिरकार, खरीद के लिए उपलब्ध एकमात्र बंदूकें शिकार के लिए शॉटगन और एयर राइफल हैं। जापान में किसी असॉल्ट राइफल सेमी ऑटोमेटिक या हैंडगन का लाइसेंस जारी नहीं किया जाता है। इस कठोर परमिट प्रणाली के कारण, 12.5 करोड़ की आबादी के देश में से केवल 192,000 लोगों के पास बंदूक का परमिट हैं। इसके अलावा, बंदूक के अनुचित उपयोग के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। सार्वजनिक स्थान पर गोली चलाने से आपको उम्रकैद की सजा हो सकती है जबकि बंदूक रखने और एक संगठित अपराध सिंडिकेट का हिस्सा होने पर आपको 15 साल के लिए जेल में डाल दिया जा सकता है।