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नई लॉजिस्टिक नीति लागू होने के बाद सस्ता होगा माल भाड़ा और मिलेंगे कई विकल्प

नई दिल्ली: देश में माल परिवहन (Goods Transporting) की लागत कम करने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) नई राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति (New Logistics Policy) ले कर आई है. इसका मकसद उत्पादों के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा देने के साथ-साथ माल ढुलाई की लागत को कम करना है. नई नीति लाने का मकसद है कि जीडीपी के मौजूदा 16 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत के नीचे तक लाना और रोजगार पैदा करना. माल भाड़ा कम होगा तो उसका सीधा असर सभी वस्तुओं की कीमतों पर भी पड़ेगा और कीमतें कम होंगी.

पीएम मोदी के मुताबिक, ‘देश में लॉजिस्टिक लागत को कम कर चीन, अमेरिका और यूरोपियों देशों की बराबरी करने के लिए यह नई नीति लाई गई है.’ इसके लिए मोदी सरकार जलमार्ग, रेलवे, सड़क के बाद अब हवाई मार्ग को भी लोकप्रिय साधन बनाने के दिशा में काम कर रही है. मोदी सरकार अगले पांच सालों में देश के कई शहरों में हवाई सेवा और एयरपोर्ट विकसित कर रही है. माल ढुलाई के लिए अब एयर कार्गो की लागत को भी कम करने की कवायद चल रही है.

देश में अभी लॉजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 16 फीसदी है. चीन में यह 10 फीसदी और अमेरिका और यूरोप में 8 फीसदी है. पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के साथ-साथ नागरिक उड्यन मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय की भूमिका अहम होने वाली है. पिछले दिनों ही पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार तकनीक के उपयोग से लाजिस्टिक क्षेत्र को मजबूत कर रही है. खासकर ड्रोन का इस्तेमाल के साथ-साथ सीमा शुल्क और ई-वे बिल का इलेक्ट्रानिक मोड से मूल्यांकन किया जाएगा.

गौरतलब है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले कई सालों से इस पर काम कर थी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कई मौकों पर कहते रहे हैं कि सरकार माल परिवहन के सभी माध्यमों के लिए एकल लॉजिस्टिक कानून काफी कारगर साबित होगा. अब सभी लॉजिस्टिक माध्यमों के लिए एक कानून आने से सही मायने में बहुस्तरीय परिवहन को सहूलियत मिलेगी.’

आपको बता दें कि भारत अभी लॉजिस्टिक लागत में विश्व में 44वें स्थान पर है. पीएम मोदी ने कहा है कि भारत को विकसित देशों का प्रतिस्पर्धा बनना है. इसलिए अपने उत्पादों को विश्व स्तरीय बना कर दुनिया के बाजार पर कब्जा करना होगा. देश में नई नीति आने के बाद इसमें मदद मिलेगी.

भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. ऐसे में एक ही पोर्टल से हवाई मार्ग, रेल मार्ग, सड़क मार्ग और समुद्री मार्ग से सामान भेजना आसान हो जाएगा. सरकारी एजेंसी अब शिपिंग कंपनियों,आईटी से जुड़े हितधारक, बैंक, कंटनेर और बीमा कंपनियों से मिलकर लॉजिस्टिक व्यवस्था बनाएगी.

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