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सरकार की दखल के बाद कम होने लगे बढ़ते हवाई किराए, 14 से 61 फीसदी तक दिख रहा असर

नई दिल्ली: देश में बढ़ते हवाई किराए को लेकर सरकार सख्त हो गई है. जिससे एयरलाइंस को बड़ा झटका लगा है क्योंकि वह अब अपनी मर्जी के मुताबिक यात्रियों से किराया नहीं वसूल सकेंगी. सरकार की सख्ती के बाद पिछले 2 दिनों में दिल्ली से कई स्थानों के लिए अधिकतम हवाई किराए 14 से 61 फीसदीतक कम हो गए हैं. एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि एयरलाइंस कंपनियों को यात्रियों से उचित किराया लेना चाहिए. डीजीसीए और मेरा मंत्रालय इस पर रोजाना नजर रख रहा है.

सरकार ने एयरलाइंस से विशेष रूटों पर टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी कारण बताने और उचित हवाई किराए को सुनिश्चित करने को कहा है. इसके साथ ही सभी एयरलाइनों से किराए में बढ़ोतरी को रोकने और उचिर हवाई किराए के लिए नया मैकेनिज्म तैयार करने को कहा है. जिससे यात्रियों को महंगे किराए से राहत दी जा सके.

दरअसल, 3 मई से गो फर्स्ट फ्लाइट के कैसिल होने जाने के बाद अन्य कंपनियों ने अपने फ्लाइट के किराए में इतनी ज्यादा बढ़ोतरी कर दी यात्रियों को फ्लाइट से सफर करने लिए 2 से 3 गुना ज्यादा किराया चुकाना पड़ा. किराए की बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने एयरलाइनों से इन मार्गों पर विशेष रूप से हाई रिजर्वेशन बुकिंग डिजाइनर (आरबीडी) क्लास के भीतर हवाई किराए की सेल्फ-मॉनिटरिंग करने का आग्रह किया है और अब DGCA एयरलाइन की प्रक्रिया की निगरानी करेगा.

इसके अलावा, सरकार ने आपदा के समय हवाई टिकट की कीमतों की बारीकी से निगरानी करने के लिए एयरलाइनों की आवश्यकता पर जोर दिया. ह्यूमन स्थिति को दूर करने के लिए एयरलाइनों से प्रभावित क्षेत्रों के लिए और वहां से टिकट की कीमतों में किसी भी बढ़ोतरी को नियंत्रित करने की अपेक्षा की जाती है.वहीं ओडिशा में हाल की ट्रेजडी एक उदाहरण के रूप में कार्य करती है, जहां एयरलाइनों को मृतकों के परिवारों के लिए मुफ्त कैरिज सेवाएं प्रदान करने की सलाह दी गई है.

सिबिल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले ही कह चुके हैं कि भारत में हवाई किराए सरकार की ओर से न तो स्थापित किए जाते हैं और न ही रेग्युलेट किए जाते हैं. इसके बजाय वे बाजार की मांग, मौसम और अन्य बाजार कारकों के आधार पर एयरलाइनों की ओर से निर्धारित किए जाते हैं. जैसे ही सीटों की मांग बढ़ती है, कम किराए वाली सीटें जल्दी बिक जाती हैं, जिससे हवाई किराए अधिक हो जाते हैं.

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