चंद्रमा के बाद अब सूर्यनमस्कार! सूरज से मिलने चला Aditya L1, सफल हुई लॉन्चिंग, अब होगी ‘सूर्य’ की स्टडी
नई दिल्ली. आज भारत का पहला सूर्य मिशन (Solar Mission) अपने सफर के लिए निकल चूका है। जी हां, आज भारतीय स्पेस एजेंसी यानी ISRO ने अब से कुछ देर पहले यानी आज 11:50 बजे आदित्य L1 सैटेलाइट (Aditya L1) को कामयाबी से लॉन्च कर दिया। आज आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से इसकी लॉन्चिंग हुई है। अब इसे स्पेस के पांच लैंग्रेज पॉइंट्स में एक पॉइंट-1 पर इसे स्थापित किया जाना है। इसके लिए खैर सभी तैयारियां पहले ही कर ली गई थीं। वहीं आज ISRO के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 के प्रक्षेपण को देखने के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) शार श्रीहरिकोटा में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
बता दें कि, आज PSLV रॉकेट की मदद से आदित्य L1 अपने मंजिल के लिए उड़ान भर चूका। गौरतलब है कि, मिशन की लॉन्चिंग के लिए PSLV रॉकेट के XL वर्जन का इस्तेमाल हुआ है। जानकारी दें कि आदित्य L1 सूर्य की स्टडी करने वाला पहला भारतीय मिशन होगा। ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च होने के 4 महीने बाद अपने लैगरेंज पॉइंट-1 (L1) तक पहुंचेगा। दरअसल इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिसके चलते यहां से सूरज की स्टडी आसानी से की जा सकती है। इस मिशन की अनुमानित लागत 378 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
आदित्य L1 के ये 7 इक्विपमेंट्स करेंगे सूर्य पर रिसर्च
जानकारी दें कि, आदित्य स्पेसक्राफ्ट, L1 यानी सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन पॉइंट पर रहकर सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा। यह लैग्रेंजियन पॉइंट के चारों ओर की कक्षा, फोटोस्फियर, क्रोमोस्फियर के अलावा सबसे बाहरी परत कोरोना की अलग-अलग वेब बैंड्स से 7 इक्विपमेंट्स के जरिए जरुरी टेस्टिंग करेगा। वहीं आदित्य L1 के 7 इक्विपमेंट्स कोरोनल हीटिंग, कोरोनल मास इजेक्शन, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर एक्टिविटीज की विशेषताओं, पार्टिकल्स के मूवमेंट और स्पेस वेदर को समझने के लिए जानकारी देंगे। आदित्य L-1 सोलर कोरोना और उसके हीटिंग मैकेनिज्म की स्टडी भी करेगा।
जानें क्या है लैग्रेंज प्वाइंट (L1 पॉइंट)
आपको बता दें कि, धरती से सूरज की दूरी तकरीबन 15 करोड़ किलोमीटर है। इस दूरी के बीच पांच लैग्रेंज पॉइंट्स हैं। जिन्हें L1, L2, L3, L4 और L5 पॉइंट के नाम से जाना जाता है। इनका नाम 18वीं सदी के महान इतालवी खगोलशास्त्री और गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है।
पता हो कि, L1, L2, L3 स्थिर नहीं है। इनकी स्थिति हमेशा बदलती रहती है। लेकिन L4 और L5 पॉइंट स्थिर है और ये दोनों अपनी स्थिति नहीं बदलते हैं। L1 इसका पहला पॉइंट है, जो धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है। L1 पॉइंट को लैग्रेंजियन पॉइंट, लैग्रेंज पॉइंट, लिबरेशन पॉइंट या L-पॉइंट के तौर पर भी जाना जाता है।
जानें 7 इक्विपमेंट्स के नाम
बताते चलें कि, आदित्य L1 मिशन के साथ जो 7 इक्विपमेंट्स भेजे जाएंगे, उनके नाम हैं- विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रा-वॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX), प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्टोमीटर (HEL1OS) और मैग्नेटोमीटर पेलोड। ये सभी सूरज को समझने की कोशिश करेंगे।