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अमेरिका की वापसी के बाद तुर्की संभाल सकता है काबुल एयरपोर्ट का कामकाज, आखिरी दौर में बातचीत

नई दिल्ली : काबुल एयरपोर्ट से जुड़ी एक और बड़ी खबर आ रही है। अमेरिका की वापसी के बाद काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट चलाने की ज़िम्मेदारी तुर्की संभाल सकता है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोआन ने कहा है कि खुद तालिबान इसके लिए गुजारिश की है। तालिबान और टर्की की बातचीत आखिरी दौर में है। इस काम में कतर भी तुर्की की मदद कर सकता है। बताया जा रहा है एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा टर्की की एक प्राइवेट सुरक्षा फर्म पर होगा जबकि वहां काम करने वाले तुर्क नागरिकों की सुरक्षा का तुर्क स्पेशल फोर्स करेगी।

आपको बता दें कि तुर्की अफगानिस्तान में नाटो मिशना का हिस्सा रहा है और अभी भी उसके सैकड़ों सैनिक काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात हैं। अधिकारियों ने कहा है कि वे शॉर्ट नोटिस पर वहां से निकलने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद काबुल एयरपोर्ट के जरिए ही दुनिया के बाकी हिस्सों से जुड़ा है। दुनिया के देश इस एयरपोर्ट से ही अपने नागरिकों का रेस्क्यू कर रहे हैं। देश से बाहर निकलने के लिए हजारों की सख्या में लोग रोजाना काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं। यहां की सुरक्षा व्यवस्था संभालना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है।

तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगान ने कुछ दिनों पहले कहा था कि यदि उनसे कहा गया तो वह काबुल एयरपोर्ट पर अपने कुछ सैनिकों को रखने और इसके संचालन की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने एयरपोर्ट पर तकनीकी एवं सुरक्षा मदद देने की पेशकश की। गौरतलब है कि काबुल एयरपोर्ट से विमानों का संचालन होना काफी अहम है। इसके बंद हो जाने के बाद अफगानिस्तान दुनिया के बाकी हिस्सों से कट जाएगा। यही नहीं देश में राहत कार्य एवं आपूर्ति के लिए भी इस एयरपोर्ट का चलना अत्यंत जरूरी है। तुर्की और तालिबान के बीच संबंध अच्छे हैं। तालिबान के प्रवक्ता जैबिहुल्ला मुजाहिद ने गत मंगलवार को कहा कि उनका संगठन तुर्की के साथ अच्छे संबंध चाहता है।

मुजाहिद ने कहा, ‘हम तुर्की और तुर्की सरकार के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। तुर्की की सेना की हमें जरूरत नहीं है। रेस्क्यू प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद एयरपोर्ट की सुरक्षा हम खुद देखेंगे।’

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