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दो साल बाद भक्तों को होंगे बाबा बर्फानी के दर्शन, 30 जून से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा

नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा (Pilgrimage to Amarnaath) दो साल बाद 30 जून से शुरू होने जा रही है. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने रविवार को श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (Amarnathji Shrine Board) की 41वीं बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि 43 दिन की पवित्र तीर्थयात्रा 30 जून को शुरू होगी. श्री अमरनाथजी यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण (online registration) 11 अप्रैल से शुरू होगा. यात्रा के दौरान सभी कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि परंपरागत रूप से रक्षा बंधन के दिन यात्रा समाप्त होगी. बैठक में यात्रा को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने निर्णय लिया है कि यात्रा दोनों मार्गों, अनंतनाग जिले में पहलगाम ट्रैक और गांदरबल जिले के बालटाल से एक साथ शुरू होगी. बोर्ड ने हेलीकॉप्टर से यात्रा करने वाले यात्रियों को छोड़कर दैनिक मार्ग-वार तीर्थयात्रियों को 10,000 तक सीमित करने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने यात्रियों के लिए 2.75 किलोमीटर लंबी बालटाल से डोमेल तक मुफ्त बैटरी कार सेवा का विस्तार करने का भी फैसला किया है. इस साल यात्रा के लिए आवास की क्षमता, स्वास्थ्य सुविधाएं, दूरसंचार सुविधाएं, हेली सेवाएं, एसएएसबी ऐप, पोनीवालों के लिए साल भर का बीमा समेत यात्रियों और सेवा प्रदाताओं के लाभ के लिए कई अनूठी पहल की गई हैं।

निगरानी के लिए लागू होगी RFID प्रणाली
उपराज्यपाल ने अधिकारियों से सक्रिय रहने और सुगम यात्रा के संचालन के लिए विस्तृत व्यवस्था सुनिश्चित करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इस साल बड़ी संख्या में भक्तों के पवित्र गुफा में दर्शन करने के लिए आने की उम्मीद है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार तीर्थयात्रियों के लिए RFID प्रणाली शुरू कर रही है, ताकि रास्ते में उनकी आवाजाही पर नजर रखी जा सके. बैठक में SSB के सीईओ नितीशवर कुमार ने पवित्र यात्रा मार्ग का मानचित्र और यात्रा के लिए पवित्र गुफा में एसएएसबी की तरफ से उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं का विवरण दिया।

बोर्ड के ये सदस्य रहे मौजूद
बैठक में बोर्ड के सदस्य स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, डीसी रैना, कैलाश मेहरा साधु, केएन राय, केएन श्रीवास्तव, पीतांबर लाल गुप्ता, डॉ. शैलेश रैना, प्रो. विश्वमूर्ति शास्त्री और यूटी प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

बता दें कि पिछले 2 साल से कोरोना महामारी की भयावहता को देखते हुए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने यात्रा रद्द करने का फैसला लिया था. हालांकि, पवित्र गुफा में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा अमरनाथ का पूजना जारी था, लेकिन श्रद्धालुओं के लिए यात्रा बंद रखी गई थी।

मचैल माता यात्रा भी कर दी गई थी रद्द
कोरोना के चलते पिछले साल अमरनाथ यात्रा के साथ ही मचैल माता यात्रा भी रद्द कर दी गई थी. तब सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से हवन और छड़ी मुबारक की अनुमति दी गई थी. जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से किश्तवाड़ डिप्टी कमिश्नर अशोक कुमार शर्मा मचैल यात्रा रद्द होने की घोषणा की थी।

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