दो साल बाद राजस्थान में दोबारा शुरू हुई मध्याह्न् भोजन योजना
जयपुर। कोरोना संक्रमण को देखते हुये गत दो साल से बंद हुई मध्याह्न् भोजन योजना राजस्थान में बुधवार को दोबारा शुरू की गयी। अक्षय पात्र फांउडेशन ने राजस्थान के 10 जिलों के करीब 3.22 लाख छात्रों के बीच मध्याह्न् भोजन का वितरण किया। यह भोजन फांउडेशन के केंद्रीकृत रसोईघर में बनाया गया था। इन रसोईघरों में सरकार के सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हुये भोजन बनाया गया था।
अक्षय पात्र फांउडेशन के राजस्थान प्रभारी रघुपति दास ने कहा कि केंद्रीकृत रसोईघर में भोजन मशीनों के माध्यम से बनाया जाता है, जो पूरी तरह हाइजेनिक हैं और इन्हें बनाने में पोषण का पूरा ख्याल रखा जाता है। यहां भोजन सरकार द्वारा तैयार मेन्यू के अनुसार पकाये जाते हैं। संगठन ने बताया कि खाना बनाने की पूरी प्रक्रिया मशीनी है। मशीन के जरिये मात्र नौ मिनट में 100 किलोग्राम आटा गूंथ लिया जाता है और एक मशीन पर एक घंटे में 40,000 रोटियां पकायी जाती हैं।
रसोईघर में एक बार में 1,200 किलोग्राम दालें और सब्जियां पकायी जाती हैं और इसी मात्रा में चावल भी बनाया जाता है। संगठन ने बताया कि उसके वाहन इस तरह से बनाये गये हैं कि छात्रों के लिये बनाया गया भोजन हाईजेनिक तरीके से स्कूलों में पहुंच जाये।
यह मध्याह्न् भोजन जयुपर में एक लाख से अधिक छात्रों, अजमेर में 27,000 छात्रों, भीलवाड़ा में 15,000 छात्रों, बीमानेर में 32,000 छात्रों, जोधपुर में 18,000 छात्रों, नाथद्वारा में 53,000 छात्रों, उदयपुर में 30,000 छात्रों, चितौढ़गढ़ में 14,000 छात्रों तथा बारण के सहरिया क्षेत्र में 12,000 छात्रों के बीच वितरित किया जाता है।
फांउडेशन के राजस्थान मीडिया प्रभारी सिद्ध स्वरूप दास ने बताया कि दानकर्ताओं के सहयोग से करीब 75,000 राशन किट वितरित किये गये हैं।