BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने के खिलाफ पंजाब सरकार ने खटखटाया SC का दरवाजा, केंद्र के फैसले को चुनौती
चंडीगढ़: बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर दूर तक बढ़ाए जाने के केंद्र के फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पहले यह अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर था। मुकदमा शुक्रवार को रजिस्ट्रार के सामने सूचीबद्ध किया गया है, जिन्होंने अटॉर्नी जनरल के जरिए केंद्र को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट में चार सप्ताह बाद इस पर सुनवाई होगी।
पंजाब सरकार ने केंद्र के इस फैसले को राज्यों के संवैधानिक अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने वाला बताया है। पंजाब सरकार ने तर्क दिया कि केंद्र की तरफ से बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने से राज्य के अधिकार में हस्तक्षेप हुआ है। पंजाब की भौगोलिक स्थिति के लिहाज से यह उचित नहीं है। राज्य सरकार का तर्क है कि केंद्र के इस फैसले से करीब 27 हजार स्क्वायर किमी एरिया बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में आ गया है। जो पंजाब का आधा हिस्सा है। हालांकि बीएसएफ सफाई दे चुकी है कि वह सिर्फ पंजाब पुलिस को सहयोग करेंगे। केस दर्ज करने से लेकर जांच और कोर्ट में चालान पेश करने का काम पंजाब पुलिस ही करेगी।
उधर, पंजाब सरकार और इसकी लीगल टीम को बधाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि संघीय ढांचे और राज्यों की स्वायत्तता को बनाए रखने के लिए संविधान में निहित सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए संघर्ष शुरू हो गया है। इससे पहले सिद्धू ने केंद्र के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि सरकार देश के संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है।
बता दें, अक्टूबर में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी केंद्र के फैसले की आलोचना की थी। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार भी केंद्र सरकार के इस फैसले से नाराज है।