नारनोल : अग्रवाल वैश्य समाज के जिला अध्यक्ष संदीप गुप्ता नूनीवाला के नेतृत्व में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार को स्थानीय ऐतिहासिक आजाद चौक में विरोध प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर राजकुमार चौधरी एडवोकेट, डॉक्टर नरेंद्र श्रीवास्तव, अजीत जैन सर्राफ, तुलसीराम गोयल, रवि गर्ग उर्फ (मोनू भाटा), मोहित जिंदल, महेंद्र गुप्ता, जगमोहन गर्ग एवं अग्रवाल वैश्य समाज के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रदर्शन के बाद संदीप गुप्ता नूनीवाला ने पत्रकारों से बातचीत मे कहा कि हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी पद पर बैठे मुख्यमंत्री को बिना किसी सबूत और तथ्यों के आधार पर गिरफ़्तार किया गया हो। उन्होंने कहा कि थोड़े से ही समय में केजरीवाल ने जिस प्रकार देश की जनता में लोकप्रियता पाई है और अपनी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलवाया है, उससे परेशान होकर भाजपा की तानाशाह सरकार ने उन्हें जेल में डाल दिया।
नूनीवाला ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में केजरीवाल अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार ना कर सके इस लिए केन्द्रीय एजेन्सियाँ के द्वारा झूठे आरोपों में फंसा कर रात को गिरफ्तार कराया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश के वैश्य समाज में केजरीवाल की गिरफ्तारी से भारी रोष है और भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनावों में इस वर्ग की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
वैश्य नेता ने कहाकि दिल्ली में आज गरीब और मध्यम वर्ग लोगों के लिए बिजली फ्री, पानी फ्री, महिलाओं को दिल्ली में बसों में फ्री यात्रा, मोहल्ला क्लीनिक के माध्यम से लोगों का मुफ्त इलाज और मुफ्त में दवाइयां, बेरोजगार युवाओं को रोजगार, बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों से भी अच्छी शिक्षा, जिसके कारण आज पूरे देश की 140 करोड़ जनता के बीच में अरविंद केजरीवाल लोगों की एक आशा और उम्मीद बनकर उभरे हैं, उससे ही घबराकर भाजपा की सरकार ने ईडी, सीबीआई व इनकम टैक्स के माध्यम से पिछले कुछ समय से विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डालने का कुचक्र चलाया हुआ है।
नूनीवाला ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को झूठे मुकदमे में फंसा कर, जिस प्रकार उन्हें जेल में डालकर प्रजातंत्र का गला घोटने की कोशिश की गई है। देश की जनता इसको अच्छी तरह समझ चुकी है और वह सरकार के इस दमनकारी रवैयों का जवाब आने वाले लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवारों को जीता कर देगी।
नूनीवाला ने कहा कि अपने आलोचकों से चुनावी रणभूमि में उतरकर लड़िए, उनका डटकर मुक़ाबला करिए, उनकी नीतियों और कार्यशैली पर बेशक हमला करिए-यही लोकतंत्र होता है। मगर इस तरह देश की सारी संस्थाओं की ताकत का अपने राजनीतिक मक़सद को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करना, दबाव डालकर उन्हें कमज़ोर करना लोकतंत्र के हर उसूल के ख़िलाफ़ है। ऐसा शर्मनाक दृश्य भारत के स्वतंत्र इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है।