सरकारी यूनिवर्सिटी में कृषि, नर्सिंग, पैरामेडिकल कोर्स होंगे शुरू
भोपाल: मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश में कालेज जाने वाले छात्रों के लिए अहम जानकारी देते हुए बताया की अब प्रदेश की शासकीय यूनिवर्सिटी में कृषि, नर्सिंग, पैरामेडिकल कोर्स भी शुरू होने जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी कृषि, मेडिकल, पैरामेडिकल के पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करेंगे। पैरामेडिकल, मेडिकल के पाठ्यक्रम पीपीपी मॉडल के आधार पर चलाए जाएंगे। वही अब प्रदेश के शासकीय कालेजों के लिए 25 साल के लिए कार्ययोजना सरकार बनाएगी, जिसमें पाँच साल के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि 13 मई 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति कार्यान्वयन योजना 2022 का शुभारंभ प्रस्तावित है। सभी शासकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को यूट्यूब, एनआईसी वेबकास्ट प्रसारण से महाविद्यालय स्तर पर प्रोजेक्टर युक्त हॉल, इंटरनेट की व्यवस्था एवं छात्रों की अधिकाधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
रिक्त पदों की भर्ती
सरकार ने उच्च शिक्षा विभाग से संबद्ध सभी शासकीय विश्वविद्यालय अकादमिक विस्तार, अधोसंरचना विकास और आत्मनिर्भर बनने के लिए 25 वर्षों की योजना बनाकर कार्य करने जा रही है, जिसमें प्रत्येक पांच वर्ष के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतिगणों के साथ अकादमिक विस्तार, परीक्षा कार्यक्रम, विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों की भर्ती को लेकर ऑनलाइन समीक्षा की गई। इसमें निर्णय लिया गया है कि सभी विश्वविद्यालय अधोसंरचना विकास के लिए 25 वर्षों की कार्य योजना बनाएंगे। वही अब प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी 30 जून तक सभी परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर देंगे। प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विज्ञापन जारी किए हैं, लेकिन नैक ग्रेडिंग की आवश्यकता को देखते हुए रखते हुए सभी विश्वविद्यालयों में प्रतिनियुक्ति से प्राध्यापकों की पदपूर्ति भी की जाएगी।
छात्रों के लिए डिजिलाकर
अब प्रदेश के कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों को अपने दस्तावेज हर जगह ले जाने की जरूरत नहीं होगी, अब प्रदेश में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा विद्यार्थियों के समस्त दस्तावेज डिजिलाकर के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराने की महत्वपूर्ण पहल की गई है। मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 30 मई तक डिजिलाकर की सुविधा उपलब्ध होगी। डिजिलाकर के माध्यम से छात्रों को कहीं भी अपनी अंकसूची, उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माईग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण पत्र उपलब्ध हो सकेंगे।
एनआईआरएफ की रैंकिंग की तैयारी
सभी विश्वविद्यालय नैक और एनआईआरएफ की रैंकिंग के लिए तैयारी करेंगे। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर को देश के प्रथम 100 संस्थानों में शामिल कराने हेतु एवं A++ ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन कर गैप एनालिसिस किया गया है। तीन विश्वविद्यालयों में 15 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाये जा रहे है। इसके साथ ही प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों प्रोफेसर्स की भर्ती के लिए पद निकाले गए है वही विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर में भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएगे। आगामी सत्र से जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, कृषि पाठ्यक्रम भी प्रारंभ करेंगे। प्रदेश के 6 विश्वविद्यालयों में चल रहे इनक्यूबेशन सेंटर में 19 स्टार्ट-अप पर कार्य करने चिन्हित किया गया है। इन केन्द्रों ने 15 नए पेटेंट भी फाइल किए है।