बीएफआई के साथ एम्स का करार, आरयूटीआई से जूझ रहे लोगों को मिलेगी राहत
नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली ने शुक्रवार को सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बायोमेडिकल रिसर्च एंड इनोवेशन को बढ़ाने के लिए ब्लॉकचेन फॉर इम्पैक्ट (बीएफआई) के साथ सहयोग की घोषणा की है। दोनों ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके मुताबिक, बीएफआई रिकरेंट यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (आरयूटीआई) के संभावित लक्षणों की पहचान करने के लिए आनुवंशिक और एपीजेनेटिक फैक्टर्स की खोज करने वाले प्रोजेक्ट को सपोर्ट करेगा।
रिकरेंट यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स (आरयूटीआई) सेहत से जुड़ी गंभीर समस्या है। इसके पीड़ितों पर आर्थिक बोझ भी पड़ता है और उनकी जिंदगी पर विपरीत असर भी पड़ता है। एम्स दिल्ली में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. सरिता महापात्रा के नेतृत्व में इस परियोजना को बीएफआई- बायोम मेडिकल आईएनआई अनुदान कार्यक्रम के तहत वित्त पोषित किया गया है, जो ब्लॉकचेन फॉर इम्पैक्ट बायोमेडिकल वर्चुअल नेटवर्क (बीएफआई-बायोम) के माध्यम से राष्ट्रीय महत्व के चिकित्सा संस्थानों (आईएनआई) को सपोर्ट करता है।
बीएफआई द्वारा बनाया गया यह नेटवर्क बहुक्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, अपस्ट्रीम और गहन विज्ञान अनुसंधान करने और भारत में जैव चिकित्सा अनुसंधान को मजबूत करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। एम्स दिल्ली में 25 क्लीनिकल विभाग और चार सुपर स्पेशियलिटी सेंटर हैं। इनके शोध ने कुष्ठ रोग, मलेरिया और तपेदिक जैसी संक्रामक बीमारियों के साथ-साथ मधुमेह और अन्य गैर-संचारी रोगों से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एम्स दिल्ली के साथ साझेदारी, अत्याधुनिक जैव-चिकित्सा नवाचार के माध्यम से परिवर्तनकारी स्वास्थ्य देखभाल समाधानों में तेजी लाने के बीएफआई के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है।
एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा, एम्स नई दिल्ली में, हम अत्याधुनिक शोध और प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बीएफआई-बायोम मेडिकल आईएनआई अनुदान कार्यक्रम से मिलने वाला समर्थन हमें चिकित्सा विज्ञान में नए क्षेत्रों का पता लगाने में सक्षम बनाता है, जिससे हमारे संकाय और शोधकर्ताओं को वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तनकारी योगदान करने के लिए सशक्त बनाया जा सके।”
बीएफआई के साथ एम्स दिल्ली की यह साझेदारी भारत में बायोमेडिकल अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए बीएफआई-बायोम नेटवर्क कार्यक्रम के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। नवाचार और न्यायसंगत पहुंच को बढ़ावा देकर, बीएफआई का लक्ष्य एक परिवर्तनकारी स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है जो देश की सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा चुनौतियों का समाधान करता है।