एअर चीफ मार्शल चौधरी: केंद्र सरकार ने वायुसेना में हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को दी मंजूरी
चंडीगढ़. वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल वी आर चौधरी (Air Chief Marshal V.R Chowdhury) ने शनिवार को यहां कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को मंजूरी दी है। उन्होंने दावा किया कि इस शाखा के बनने से वायुसेना को उड़ान प्रशिक्षण के खर्च में कटौती कर 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करने में मदद मिलेगी। भारतीय वायुसेना की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर चंडीगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन में अपने संबोधन में चौधरी ने कहा कि आजादी के बाद वायुसेना में पहली बार एक नयी अभियानगत शाखा बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि सरकार ने भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को मंजूरी दे दी है। आजादी के बाद वायुसेना में पहली बार एक नयी अभियानगत शाखा बनाई जा रही है।” चौधरी ने कहा कि हथियार प्रणाली शाखा अनिवार्य रूप से सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, दूर से संचालित विमानों और दो एवं बहु चालक दल वाले विमानों में विशेष हथियार प्रणाली संचालकों से संबंधित शाखाओं को मजबूत बनाने का काम करेगी। उन्होंने बताया कि इस शाखा की स्थापना से उड़ान प्रशिक्षण पर होने वाले खर्च में कमी आने से 3,400 करोड़ रुपये की बचत करने में मदद मिलेगी।
भारतीय वायुसेना की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर चंडीगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन में औपचारिक परेड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख के अलावा पश्चिमी वायु कमान के एअर-ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एअर मार्शल श्रीकुमार प्रभाकरन सहित कई अन्य वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी शामिल हुए। इस अवसर पर चौधरी ने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना दिसंबर में प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए 3,000 ‘अग्निवीर वायु’ की भर्ती करेगी और अगले साल से उसकी महिला ‘अग्निवीर’ को भी शामिल करने की योजना है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में भारतीय वायुसेना ने पूरी क्षमता और दृढ़ संकल्प के साथ अपने हिस्से की चुनौतियों का सामना किया है। चौधरी ने कहा कि परंपरागत के साथ गैर-परंपरागत और गैर-घातक युद्ध ने युद्ध के तरीके को बदल दिया है, लिहाजा पारंपरिक प्रणालियों और हथियारों को आधुनिक एवं अनुकूल प्रौद्योगिकी के साथ संवर्धित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें लड़ाकू शक्ति के एकीकृत, संयुक्त इस्तेमाल की आवश्यकता है। तीनों सेवाओं की शक्तियों को एकीकृत करने की प्रक्रिया जारी है।” वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें एक गौरवपूर्ण विरासत मिली है, जो हमारे पूर्ववर्तियों की कड़ी मेहनत, लगन और दूरदर्शिता पर आधारित है।” चौधरी ने घोषणा की कि वायुसेना की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर कर्मियों के लिए नए पैटर्न की लड़ाकू वर्दी पेश की जा रही है।