राजनीति

अजित पवार ने NDA में शामिल होने के फैसले को बताया सही, बोले- हम संत नहीं, जनप्रतिनिधि हैं

नई दिल्‍ली । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार को उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार (Ajit Pawar) ने पार्टी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नतृत्व वाले नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल होने के फैसले को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि केवल विपक्ष में बैठकर नारे लगाना राजनीति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह संत नहीं हैं कि सदा विपक्ष में बैठकर सरकार का विरोध करते रहें।

पुणे के बालेवाड़ी स्थित श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कार्यकर्ताओं से आगामी नगर निकाय चुनावों की तैयारी शुरू करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “कुछ लोग हमारे एनडीए में जाने के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं कि एनसीपी की विचारधारा धर्मनिरपेक्ष है। लेकिन 2019 में जब पार्टी ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई तब भी तो विचारधारा से समझौता हुआ था। फिर अब हमें ही क्यों दोष दिया जा रहा है?” उन्होंने आगे कहा, “हम संत नहीं हैं, बल्कि जनप्रतिनिधि हैं। जनता की समस्याओं का समाधान करना हमारी जिम्मेदारी है और उसके लिए सरकार में रहना जरूरी है।”

धर्मनिरपेक्ष विचारधारा नहीं छोड़ी
अजित पवार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपनी विचारधारा नहीं बदली है। जूनियर पवार ने कहा, “हमारी पार्टी की नींव शाहू महाराज, ज्योतिबा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर की विचारधारा पर टिकी है। एनडीए में शामिल होने का उद्देश्य विकास कार्यों को गति देना है।” उन्होंने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एनडीए में शामिल हैं, जबकि उनकी विचारधारा भी धर्मनिरपेक्ष ही मानी जाती है।

शरद पवार खेमे से विलय की अटकलों को किया खारिज
पार्टी के शरद पवार खेमे (एनसीपी-एसपी) से विलय की अटकलों पर विराम लगाते हुए अजित पवार ने कहा, “कुछ कार्यकर्ताओं की व्यक्तिगत राय हो सकती है, लेकिन ऐसा कोई फैसला पार्टी नेतृत्व के स्तर पर नहीं हुआ है।” आपको बता दें कि पिछले सप्ताह एनसीपी के राज्य अध्यक्ष सुनील तटकरे ने भी पार्टी के कोर ग्रुप में इस मुद्दे पर किसी चर्चा से इनकार किया था।

अनुशासनहीनता पर सख्ती का संकेत
अजित पवार ने पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों को लेकर भी सख्त रुख दिखाया। उन्होंने कहा, “हम सरकार में हैं, इसलिए हमें और ज्यादा अनुशासित रहना होगा। अगर कोई कार्यकर्ता आपराधिक या असामाजिक गतिविधियों में लिप्त पाया गया, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।” गौरतलब है कि यह एनसीपी का 26वां स्थापना दिवस था, लेकिन 2023 में पार्टी के विभाजन के बाद से शरद पवार और अजित पवार गुटों ने इसे अलग-अलग मनाना शुरू कर दिया है।

Related Articles

Back to top button