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गुजरात में मौसम की मार, सभी जिलों के लिए अलर्ट जारी; IMD ने दी चेतावनी

नई दिल्ली : गुजरात में इन दिनों मूसलाधार बारिश का तांडव देखने को मिल रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को चेतावनी जारी की कि राज्य में अगले 2-3 दिनों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होगी। पिछले 48 घंटे से हो रही भारी बारिश के बीच, गुजरात के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई है, जिससे सैकड़ों निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित होना पड़ा है। खासकर नवसारी में भयंकर बाढ़ आई है, जिसके कारण आईएमडी ने 26 अगस्त को जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। गुजरात में सिर्फ 5 जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, बाकी बचे पांच राज्यों के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों को निचले इलाकों से निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है। उनके कार्यालय ने कहा कि भारी बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में दक्षिण गुजरात के वलसाड, तापी, नवसारी, सूरत, नर्मदा और पंचमहल शामिल हैं। वहीं, मोरबी जिले में 7 व्यक्तियों का पता लगाने के लिए एनडीआरएफ की ओर से एक तलाशी अभियान जारी है, जो एक नदी पर बाढ़ वाले रास्ते को पार करते समय अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ बह गए थे।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, नवसारी जिले के खेरगाम तालुका में पिछले 24 घंटों में 356 मिमी के साथ सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई, जो सोमवार सुबह 6 बजे समाप्त हुई। 100 मिमी से अधिक वर्षा वाले अन्य जिलों में नर्मदा, सौराष्ट्र, राजकोट, तापी, महिसागर, मोरबी, दाहोद और वडोदरा शामिल हैं। गुजरात के मुख्य सचिव ने प्रशासन को उन क्षेत्रों में सतर्क रहने की सलाह दी है, जहां श्रावण माह के दौरान आगामी त्योहारों के कारण बड़ी भीड़ होने की संभावना है।

बारिश के मौजूदा दौर के साथ दक्षिण गुजरात के जिलों में अब तक उनकी औसत वार्षिक वर्षा का 105 प्रतिशत से अधिक दर्ज हुआ है, जो राज्य में सबसे अधिक है। दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र के 8 जिलों में उनकी औसत वार्षिक वर्षा का 100 प्रतिशत से अधिक दर्ज हुआ है। जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के कारण सरदार सरोवर नर्मदा बांध का जलस्तर काफी बढ़कर 135.30 मीटर हो गया है। गुजरात के 206 जलाशयों में 3.64 लाख मिलियन क्यूबिक फीट पानी था, जो उनकी कुल क्षमता का 65 प्रतिशत है। जलस्तर में पर्याप्त बढ़ोतरी के कारण 72 जलाशयों को हाई अलर्ट पर और 15 को नियमित अलर्ट पर रखा गया था। स्थानीय प्रशासन से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बाढ़ के कारण बंद हुई सड़कों को तुरंत बहाल किया जाए और बिजली आपूर्ति लंबे समय तक बाधित न हो।

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