चमोली : भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीय स्तर पर नियोजन एवं क्रियान्वयन, डाटा इकोसिस्टम तथा अनुश्रवण विषय पर शनिवार को वैंकट हॉल गोपेश्वर में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाल में समस्त जनपद स्तरीय एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारियों सहित स्वयं सेवी संस्थाओं के सदस्यों ने भाग लिया। मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में सीपीपीजीजी के विशेषज्ञ करूणा करन, मुख्य कार्टोग्राफर/शोध अधिकारी जीवन चन्द चंदोला द्वारा सत्त विकास लक्ष्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी ने कार्यशाला का शुभांरभ करते हुए कहा कि सत्त विकास लक्ष्यों को हासिल करने में सभी विभागों की अहम भूमिका है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि नीति आयोग द्वारा जारी संकेतकों के आधार पर मासिक एवं वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करें।
सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड़ गवर्नेंस उत्तराखण्ड देहरादून (सीपीपीजीजी) से आए विशेषज्ञ करूणाकर करन एवं शोध अधिकारी जीवन चन्द्र चंदोला ने कार्यशाला में सतत् विकास लक्ष्य के सन्दर्भ मे जानकारी देते हुए बताया कि नीति आयोग द्वारा सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों से 115 संकेतकों पर 16 लक्ष्यों पर आंकडे एकत्रित कर सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स 2020-21 तैयार किया है। जिसमें गरीबी उन्मूलन, शून्य भुखमरी, स्वास्थ्य एवं तन्दुरूस्ती, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ जल एवं स्वच्छता, वहन करने योग्य एवं स्वच्छ ऊर्जा, संतोषजनक रोजगार सृजन तथा आर्थिक वृद्वि, उद्योग नवाचार एवं आर्थिक समृद्वि, विषमताओं में कमी लाना, दीर्घकालीन शहर एवं समाज, सतत उपभोग तथा उत्पादन, जलवायु अभियान, जलीय जीवन, स्थलीय जीवन, शांति, न्याय एवं मजबूत संस्थान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि देश के सतत विकास लक्ष्य इंडेक्स में उत्तराखंड राज्य वर्ष 2018 में 10वें स्थान, वर्ष 2019 में 9वें स्थान तथा वर्ष 2020-21 में तीसरे स्थान पर है।
राज्य ने सतत विकास के लक्ष्य ‘किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा’ तथा ‘शांति, न्याय एवं मजबूत संस्थान’ में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि एसडीजी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जिला स्तर पर टास्कफोर्स गठित है जो विभागों द्वारा तैयार किए गए एक्शन प्लान का अनुश्रवण करती है। जिला स्तर से सभी सूचनाएं सीपीपीजीजी द्वारा तैयार किए गए डेसबोर्ड पर ऑनलाइन फीड की जाएगी और प्रत्येक माह इसकी रैकिंग भी की जाएगी। इस दौरान कार्यशाल में समूह बनाकर संकेतकों के आधार विभिन्न विषयों पर परिचर्चा भी की गई। जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी आनंद सिंह जंगपांगी ने कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यशाला का समापन किया। कार्यशाला में जनपद के सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, वन, कृषि, उद्यान, उद्योग, मत्स्य, पर्यटन, आपदा, नगर निकाय आदि रेखीय विभागों के अधिकारी सहित स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।