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मैडल जीतने में सक्षम सभी भारतीय निशानेबाज : विदेशी कोच पावेल स्मिरनोव

स्पोर्ट्स डेस्क : हाल के सालों में भारतीय निशानेबाजों ने बेहतरीन सफलता दर्ज की है. वही टोक्यो ओलंपिक में निशानेबाज गोल्ड मैडल समेत अन्य पदक जीतने में सक्षम कहे जा रहे हैं.

टोक्यो ओलंपिक 23 जुलाई से आठ अगस्त तक होंगे जिसमे भारतीय निशानेबाजी टीम की ओर से रिकॉर्ड 15 निशानेबाज खेलेंगे. इस बीच लंबे टाइम से भारतीय पिस्टल टीम के विदेशी कोच पावेल स्मिरनोव ने बोला कि टोक्यो ओलंपिक में उनके एक या दो या तीन नहीं बल्कि सभी निशानेबाज गोल्ड मैडल समेत अन्य पदक जीतने में सक्षम हैं.

इसमें प्रतिभाशाली युवा पिस्टल निशानेबाजों, जिसमें सौरभ चौधरी और मनु भाकर भी हैं. अभिषेक वर्मा और यशस्विनी सिंह देसवाल भी पदक के दावेदार हैं वही अनुभवी राही सरनोबत टीम को मजबूती प्रदान करती हैं.

स्मिरनोव ने जागरेब से एक समाचार एजेंसी से बोला कि, उनमे से हर निशानेबाज पोडियम पर जगह बना सकता है और सालों से मैंने भारतीय निशानेबाजी को देखा है. अपने दिन वो शीर्ष स्तर पर पदक जीत सकते हैं. वैसे भारतीय निशानेबाजी टीम 2016 रियो खेलों में पदक जीतने में विफल रही थी.

इसके बाद ओलंपिक विजेता अभिनव बिंद्रा की अगुवाई में समीक्षा समिति की सिफारिशों पर भारतीय निशानेबाजी ढांचे में आमूलचूल बदलाव हुए थे.

वहीं लंदन ओलंपिक 2012 में 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में रजत पदक अपने नाम करने के दौरान विजय कुमार के कोच रह चुके स्मिरनोव राष्ट्रीय पिस्टल टीम का विदेशी कोच नियुक्त हुए.हालांकि जीतू राय जैसे निशानेबाज पांच वर्ष पूर्व रियो में पदक जीतने में विफल रहे.

स्मिरनोव ने बोला कि अब ओलंपिक को देखने का समय है. उन्होंने बोला कि, मुझे इस टीम से काफी उम्मीदें हैं. पिछले चार वर्ष में काफी कड़ी मेहनत की है. हमारे लिए खेलों में अच्छे नतीजे हासिल नहीं कर पाने की कोई वजह नहीं है.

इस कोच ने बोला कि को रियो 2016 की विफलता नहीं सालती. उन्होंने बोला कि, अतीत को कुरेदने का कोई वजह नहीं है. ये हमारे नियंत्रण में नहीं है. हमारे नियंत्रण में ये है कि हम भविष्य में क्या कर सकते हैं और हम यही सोच रहे हैं.

पिछले खेलों की तुलना में इस बार महामारी की वजह से ओलंपिक के लिए कोचिंग स्टाफ की संख्या में कटौती हुई है. विदेशी राइफल कोच ओलेग मिखाइलोव के साथ स्मिरनोव पूरे खेलों के दौरान टीम के साथ रहेंगे वही अन्य कोच खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अधिकतम 30 फीसदी कोचिंग स्टाफ के नियम के तहत रोटेट होंगे.

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