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52 दिनों से चल रही अमरनाथ यात्रा संपन्न, 5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन

नई दिल्ली: छड़ी मुबारक के साथ अमरनाथ तीर्थयात्रा सोमवार को संपन्न हो गई। इस वर्ष एक दर्जन से अधिक पर्वतीय बचाव दलों ने इस यात्रा में हजारों तीर्थयात्रियों की सहायता की। इस बार 5.10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में पवित्र हिम शिवलिंग के दर्शन किए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पर्वतीय बचाव दलों (एमआरटी) को 29 जून को तीर्थयात्रा शुरू होने से लगभग एक सप्ताह पहले 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की ओर जाने वाले दोहरे मार्गों पर तैनात किया गया था। इन दलों को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कुमार ने हरी झंडी दिखाई। इन दलों में जम्मू-कश्मीर पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान शामिल थे।

आठ एमआरटी अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग पर महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात थीं, जबकि पांच एमआरटी गांदरबल जिले में छोटे लेकिन अधिक ढलान वाले 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग पर तैनात थीं। एमआरटी के प्रभारी निरीक्षक राम सिंह ने मीडिया से कहा, ‘‘दोनों मार्गों की लगातार दो बार की गई रेकी के बाद सभी 13 एमआरटी को 24 जून तक निर्धारित स्थानों पर तैनात कर दिया गया और उन्होंने 1,300 से अधिक जरूरतमंद तीर्थयात्रियों को बचाने में मदद करने के साथ ही यात्रा के दौरान 20,000 अन्य लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई।”

मई 2008 में सिंह ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर इतिहास रच दिया था क्योंकि ऐसा करने वाले वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के पहले कर्मी थे। उन्होंने कहा कि एमआरटी ने तीर्थयात्रियों को 20,000 से अधिक रेनकोट भी निःशुल्क वितरित किए। देश-विदेश से 5.10 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने यात्रा के दौरान गुफा मंदिर के दर्शन किए।

एसडीआरएफ द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में तीर्थयात्री एमआरटी की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए तथा यात्रा को यादगार बनाने के लिए बचावकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए दिखाई देते हैं। एमआरटी की सराहना करते हुए एक महिला तीर्थयात्री ने कहा, ‘‘वे (एसडीआरएफ कर्मी) बहुत मददगार थे। उनकी मदद के लिए उनका विशेष धन्यवाद, अन्यथा मेरे लिए यात्रा करना संभव नहीं था।”

वहीं, एक अन्य यात्री ने कहा कि एसडीआरएफ की टीम मौजूद होने के कारण कोई चिंता नहीं थी और ‘‘हमारे लिए वे हमारे भगवान का एक रूप हैं।” छड़ी मुबारक रक्षाबंधन के अवसर पर श्रावण पूर्णिमा, सोमवार दोपहर गुफा मंदिर में पहुंची और इसके साथ ही अमरनाथ यात्रा संपन्न हो गई।

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