आज से आरंभ होगी अमरनाथ यात्रा, जानें इस पवित्र धाम की महिमा और पहुंचने का सही मार्ग
बाबा बर्फानी के नाम से मशहूर अमरनाथ धाम का इतिहास असंख्य वर्ष प्राचीन है। सनातन धर्म के अनुसार, आदिदेव महादेव शिव ने अमरनाथ गुफा में ही माता पार्वती को अमर होने का रहस्य बताया था। बाबा अमरनाथ धाम के के दर्शन करने हर साल श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं। इस वर्ष कश्मीर के हिमालयवर्ती क्षेत्र में स्थित बाबा अमरनाथ धाम के दर्शन 30 जून से किया जा सकेगा। दी गई जानकारी के अनुसार, इस साल अमरनाथ यात्रा 11 अगस्त यानी रक्षाबंधन तक रहेगी।
यह तो आप जानते ही होंगे कि बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो साल बाद 30 जून से शुरू होने जा रही है। ऐसे में शिवभक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए काफी उत्साहित हैं। श्राइन बोर्ड को उम्मीद है कि इस साल भारी संख्या में श्रद्धालु बाबा अमरनाथ के दर्शन करने पहुंचेंगे। इसे लेकर प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ है। गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से बीते 2 वर्ष से अमरनाथ यात्रा पर पाबंदी लगी हुई थी।
बाबा अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से करीब 3,800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। गुफा में मौजूद शिवलिंग की विशेषता यह है कि या स्वयंभू है। मान्यता है कि, चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इसके शिवलिंग के आकार में बदलाव आता है। अमरनाथ का शिवलिंग ठोस बर्फ से अपने-आप निर्मित होता है। जबकि जिस गुफा में यह शिवलिंग स्थित है, वहां बर्फ हिमकण के रूप में होती है।
अमरनाथ धाम का मार्ग
बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो प्रमुख रास्तों से की जाती है। इसका पहला रास्ता पहलगाम से बनता है, और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से। श्रद्धालुओं को यह रास्ता पैदल ही पार करना पड़ता है। पहलगाम से अमरनाथ की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। यह मार्ग थोड़ा आसान और सुविधाजनक है। जबकि बालटाल से अमरनाथ की दूरी तकरीबन 14 किलोमीटर है, लेकिन यह रास्ता पहले रूट की तुलना में कठिन है।