गज़ब! इस देश की असली पहचान है इसका खूबसूरत कब्रिस्तान
इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो चीन की महान दीवार (The Great Wall Of China) के बारे में न जानता हो. टूरिज्म के नजरिये से चीन के लिए ये एक इम्पोर्टेन्ट जगह है. आप कह सकते हैं कि चीन की पहचान इस दीवार के कारण ही है. ‘ग्रेट वॉल ऑफ चाइना’ के नाम से मशहूर ये दीवार दुनिया के सात अजूबों में शुमार है. इसकी वन एन ओनली यही वजह है कि ये दुनिया की सबसे लंबी दीवार है. लेकिन इस दीवार के हिस्से सिर्फ यही एक खिताब नहीं है. ग्रेट चाइना वॉल को न सिर्फ दुनिया की सबसे बड़ी दीवार माना जाता है बल्कि इसे दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी कहा जाता है. इसके दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान होने के पीछे की वजह खौफनाक होने के साथ साथ रहस्मयी भी है.
इसे बनाने की शुरुआत ईसा पूर्व पांचवीं शताब्दी में हुई थी, जो 16वीं शताब्दी तक चली. इसका निर्माण एक नहीं बल्कि चीन के कई राजाओं ने अलग-अलग वक्त में करवाया है. कहते हैं कि इस दीवार की चौड़ाई इतनी है कि इसपर एक साथ पांच घोड़े या 10 पैदल सैनिक चल सकते हैं. बता दें कि, इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है. माना जाता है कि इस विशाल दीवार के निर्माण कार्य यानी कि कंस्ट्रक्शन वर्क में करीब 20 लाख मजदूर लगे थे, जिसमें से करीब 10 लाख लोगों ने इसे बनाने में ही अपनी जान गंवा दी थी. कहते हैं कि उन लोगों को फिर दीवार के नीचे ही दफना दिया गया था. इसी वजह से चीन की इस महान विशाल दीवार को दुनिया का सबसे बड़ा कब्रिस्तान कहा जाता है. यानी कि, ऐसा कहा जा सकता है कि चाइना की ये दीवार लाशों के ढेर पर खड़ी है. हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह तो कोई नहीं जानता. इसलिए यह एक रहस्य ही बनकर रह गया है. बस एक खौफनाक रहस्य.
आपकी जानकारी के लिए बता दें, चीन में इस दीवार को ‘वान ली चैंग चेंग’ के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि इस दीवार का निर्माण दुश्मनों से चीन की रक्षा करने के लिए किया गया था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका था. 1211 ईस्वी में मंगोल शासक चंगेज खान ने एक जगह से दीवार को तोड़ दिया था उसे पार कर चीन पर हमला कर दिया था. बहराल, अगर सोचा जाए तो लाखों लोग चीन की जिस खूबसूरत दीवार को देखने के लिए पहुँचती है वो असल में खूबसूरत होने के साथ साथ खौफनाक भी है.