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कांग्रेस के समक्ष चुनौतियों का अंबार, मोदी और योगी बने सबसे बड़ी चुनौती

सुरेश बहादुर सिंह

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करिश्माई नेतृत्व को चुनौती देना ही कांग्रेस के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। वर्तमान राजनीति में मोदी और योगी की हिंदुत्व की राजनीति इस कदर हावी हो गयी है कि देश की जनता के सामने सारे मुद्दे गौण हो गए हैं। यहां तक कि महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर भी जनता विपक्ष की बात सुनने को तैयार नही है।

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जातिवादी राजनीति को हवा दे रही सपा-बसपा

जनता के इसी मूड को देखते हुए सपा और बसपा ने जातिवादी राजनीति को एक बार फिर से हवा देना शुरू कर दिया है। सपा और बसपा ने सरकार को ब्राह्मण विरोधी बताकर ब्राह्मण मतों को रिझाने की कोशिश प्रारम्भ कर दी है। इन दोनों ही दलों ने ब्राह्मण समुदाय के आराध्य परशुराम की एक दूसरे से ऊंची मूर्ति बनवाने का वादा कर ब्राह्मण समुदाय का समर्थन हासिल करने का प्रयास शुरू कर दिया है।

जितिन प्रसाद ने बनाया ब्राह्मण चेतना मंच

वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद भी ब्राह्मण चेतना मंच के बैनर तले समुदाय को अपने पक्ष में करने में जुटे है। कांग्रेस की राजनीति में हाशिये पर चल रहे जितिन प्रसाद खुद को ब्राम्हण समुदाय का एक मात्र नेता साबित करके कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताकत का एहसास कराना चाहते है।

नेतृत्व को लेकर ढुलमुल राजनीति बनी समस्या

धर्मनिपेक्षता आधारित राजनीति अब कांग्रेस को काफी भारी पड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंदुत्व के बैनर तले सभी जातियों को इकठ्ठा करके कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों को वोट की राजनीति में हाशिये पर ला दिया है। कांग्रेस आलाकमान की ढुलमुल राजनीति ने कांग्रेस की समस्या खुद बखुद बढ़ा दी है। कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या है गांधी परिवार में अनिर्णय की स्थिति, एक तरफ जहां वह गांधी परिवार से अध्यक्ष बनाने का विरोध करते है। वहीं दूसरी तरफ अध्यक्ष पद का मोह भी नही छोड़ पाते।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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