अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका और ब्रिटेन ने हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक कर बम बरसाए

नई दिल्ली (विवेक ओझा): ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स टायफूंस ( Royal airforce Typhoons) ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों ( Houthi Rebel sites) पर अमेरिकी सेना के साथ मिलकर एयरस्ट्राइक किया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसा करना बेहद जरूरी था। ये आत्मरक्षा के मद्देनजर उठाया गया कदम था। गौरतलब है कि ब्रिटेन काफी पहले ही हिंद महासागर में कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ( Carrier Strike Group) की तैनाती कर चुका है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा है उनका देश फ्रीडम ऑफ नेविगेशन और समुद्री कानूनों के प्रति सम्मान बनाए रखने और रखवाने की दिशा में हर संभव प्रयास करता रहेगा।

दरअसल यमन के हूती विद्रोहियों ने रेड सी में अमेरिकी और ब्रिटिश कमर्शियल शिप्स ( वाणिज्यिक समुद्री जहाजों ) पर हमले किए हैं। इसकी जवाबी कार्यवाही में ब्रिटेन हूतियों के ठिकानों पर बॉम्ब बरसाने के लिए विवश हो गया। लाल सागर और भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य के आसपास की स्थिति यमन स्थित हूती आतंकवादियों के हमलों के कारण इधर बीच बिगड़ गई है और पश्चिमी देश किसी भी आतंकी या विद्रोही गुट को क्षेत्रीय और समुद्री शांति को भंग करने का अवसर बिलकुल नहीं देना चाहते।

गौरतलब है कि यूएस मिलिट्री फोर्सेज ने भी यूके, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, नीदरलैंड और कनाडा की मदद से हूतियों के ठिकानों पर हमले किए हैं। इन देशों ने हाल ही में हूतियों के खिलाफ लॉन्च किए गए ऑपरेशन प्रोस्पेरिटी गार्जियन ( Operation Prosperity Guardian) के तहत हूतियों के खिलाफ ये कठोर कार्यवाही की है। ऋषि सुनक ने साफ तौर पर कहा है कि हूती हमले रोक दें तो ही वो कठोर कार्यवाही से बच सकते हैं।

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