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अमेरिका को पाकिस्तान में दिख रहा खतरा! कहा ‘बिना किसी चेतावनी के आतंकी कर सकते हैं हमला’

US Issues Travel Warning: ‘बोए पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय’ पाकिस्तान पर यह कहावत बिलकुल सटीक बैठती है। पाकिस्तान आज अपने किए हुए कर्मों का खामियाजा भुगत रहा है। हालात यह हैं कि वह अब दुनिया का सबसे अधिक आतंकवाद प्रभावित देश बन गया है। आतंकी वारदातें यहां लगातार बढ़ रही हैं। आंकड़ों की बात करें तो 2023 में 517 आतंकी हमले हुए थे जिनकी संख्या 2024 में बढ़कर 1,099 हो गई। अब पाकिस्तान में जिस तरह के हालात बने हैं उसे लेकर अमेरिका ने भी बड़ा कदम उठाया है।

अमेरिका ने जारी की एडवाइजरी
अमेरिका ने आतंकवाद और हिंसा से पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की यात्रा ना करने की चेतावनी जारी की है। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने नागरिकों के लेकर इससे संबंधित ट्रैवल संबंधी एडवाइजरी भी जारी की। एडवाइजरी में कहा गया है कि लोगों को आतंकवाद और हिंसा की संभावना के कारण पाकिस्तान की यात्रा पर पुनर्विचार करना चाहिए।

पाकिस्तान में बढ़े हैं आतंकी हमले
ट्रैवल एडवाइजरी में अमेरिकियों से बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा की यात्रा ना करने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि हिंसक समूह पाकिस्तान में हमलों की साजिश रचते और उसे अंजाम देते रहते हैं। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में आतंकी हमले बढ़े हैं। बड़े पैमाने पर हुए इन आतंकवादी हमलों में कई लोग हताहत भी हुए हैं। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान सुरक्षा के मामले में अस्थिर बना हुआ है।

हमला कर सकते हैं आतंकी
एडवाइजरी में आगे कहा गया, “आतंकवाद और हिंसा की वजह से नागरिकों के साथ-साथ स्थानीय सैन्य और पुलिस ठिकानों पर हमले हुए हैं। आतंकवादी बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं। परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सैन्य प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों और इबादत स्थलों समेत सरकारी दफ्तरों को निशाना बनाया जा सकता है। आतंकवादियों ने अतीत में अमेरिकी राजनयिकों और राजनयिक सुविधाओं को भी निशाना बनाया है।”

इस्लामाबाद में हाई अलर्ट
बता दें कि, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हाई अलर्ट जारी किया गया है। ‘रेड जोन’ के सभी प्रवेश और निकास मार्गों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। खैबर पख्तूनख्वा सीमा पर एक चेक पोस्ट पर आतंकवादियों के हमले के बाद यह फैसला लिया गया है।

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