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चीन पर अमेरिकी टैरिफ से भारतीय रसायन उद्योग को होगा फायदा, प्रभुदास लीलाधर की रिपोर्ट में दावा

नई दिल्ली : चीन , कनाडा और मैक्सिको पर सख्त टैरिफ (Tariff) लगाने के अमेरिका (America) के हालिया फैसले से भारत (India) के रसायन उद्योग को फायदा होने वाला है। प्रभुदास लीलाधर ने अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ लागू होने के बाद अमेरिका को भारत की ओर से होने वाले रसायन निर्यात में वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट में टैरिफ से भारत को होने वाले फायदे का कारण बताते हुए कहा गया है कि अमेरिकी कंपनियां चीन से रसायन का निर्यात करने वाले वेंडर्स को बदलने के लिए वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रही हैं। जिससे कनाडा, मैक्सिको और चीन पर सख्त टैरिफ लगाने से भारतीय रसायन कंपनियों को अमेरिकी बाजार में लाभ हो सकता है।

अमेरिका ने चीन से आने वाले रसायनों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया है। भारतीय कंपनियां अधिक आकर्षक विकल्प बन गई हैं। चूंकि भारत को अब तक के एलानों के अनुसार केवल 10 प्रतिशत प्रतिशोधी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, ऐसे में अमेरिकी कंपनियों को चीन की तुलना में भारत से रासायन खरीदने पर लागत में 10 प्रतिशत का लाभ मिल सकता है। इससे भारत के रसायन निर्यात में काफी वृद्धि हो सकती है। यह वृद्धि विशेष रूप से रंगों, कृषि रसायन, अकार्बनिक और कार्बनिक रसायन जैसे क्षेत्रों में देखने को मिल सकती है।

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा रसायन आयातक है। देश के कुल रसायन निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है। वित्तीय वर्ष 2022-23 (FY23) में भारत ने अमेरिका को 3.85 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रसायनों का निर्यात किया। हालांकि, FY24 में निर्यात में 26 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके बावजूद अमेरिका अब भी भारतीय रसायनों के निर्यात के मामले में शीर्ष गंतव्य बना हुआ है।

रिपोर्ट में 2018 के अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का उदाहरण दिया गया था, जिससे भारत को भी लाभ हुआ था। उस अवधि में, अमेरिकी कंपनियों ने चीन से अपना सोर्सिंग हटाकर भारत का रुख कर लिया था, जिससे अमेरिका को भारत से होने वाला कुल निर्यात 57 अरब डॉलर से बढ़कर 73 अरब डॉलर हो गया। इस बार भी ऐसा ही होने का अनुमान है।

भारत 175 से अधिक देशों को रसायनों का निर्यात करता है, जिसमें चीन, अमेरिका, ब्राजील, नीदरलैंड, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, यूएई, जापान और जर्मनी जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं। चीन पर अमेरिका की ओर से बढ़ाया गया टैरिफ अमेरिका में भारतीय निर्यातकों को नए अवसर दे सकता है। हालांकि, रिपोर्ट में इस बात की भी चेतावनी दी गई कि वर्तमान परिस्थितियों में भारत और अन्य गैर-अमेरिकी बाजारों में बड़े पैमाने पर चीन से होने वाला सस्ता रासायनिक आयात बढ़ सकता है, क्योंकि चीन भी टैरिफ लागू होने के बाद वैकल्पिक खरीदारों की तलाश कर रहा है।

अमेरिका चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है, ऐसे में भारतीय रसायन निर्यातकों के पास वैश्विक बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने का यह एक सुनहरा मौका है। आने वाले महीने यह निर्धारित करेंगे कि भारतीय कंपनियां इस बदलते व्यापारिक परिदृश्य का कितना लाभ उठातीं हैं।

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