AN-32 विमान हादसा: 18 दिन बाद आज घर पहुंचेंगे 21 शहीदों के शव
वायुसेना के एएन-32 विमान हादसे में शहीद हुए जवानों को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि दी. 3 जून को हुए इस हादसे में 8 क्रू मेंबर समेत 13 यात्रियों की मौत हो गई थी. गुरुवार देर रात सभी मृतकों की लाश को दिल्ली लाया गया था. आज यानी शुक्रवार सुबह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि दी. इसके बाद शहीदों के शव को उनके घर भेजा जाएगा.
तीन जून को असम के जोरहाट से उड़ान भरने के बाद यह विमान अरुणाचल प्रदेश में लापता हो गया था. इस विमान में 8 क्रू मेंबर समेत 13 यात्री सवार थे. गुरुवार को सभी शव बरामद कर लिए गए थे, जिसमें 7 शव क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं. शवों को उनके परिवारवालों के पास भेजा जा रहा है.
एएन-32 विमान ने असम के जोरहाट से 3 जून को अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले के मेचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के लिए उड़ान भरी थी. लेकिन उड़ान के 35 मिनट के भीतर जमीनी एजेंसियों से विमान का संपर्क टूट गया.13 जून को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने कहा था कि एएन-32 विमान के सभी 13 सवार मारे गए हैं और हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं.
वायुसेना ने शुक्रवार को कहा कि दुर्घटनाग्रस्त एएन-32 विमान का कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) भी बरामद हो चुका है. भारतीय वायुसेना ने मृतकों की पहचान विंग कमांडर जी.एम. चार्ल्स, स्क्वॉड्रन लीडर एच. विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आर. थापा, ए. तंवर, एस. मोहंती, एम. के. गर्ग, वारेंट ऑफिसर के. के. मिश्रा, सार्जेट अनूप कुमार, कॉरपोरल शेरिन, लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन एस.के. सिंह व पंकज, नॉन कॉम्बेटेंट (इनरोल) पुताली और राजेश कुमार के रूप में की है.
वायु सेना ने मंगलवार को लापता वाहक के मलबे की पहचान की थी. यह लिपो से 16 किमी उत्तर में और समुद्र तल से 12,000 फीट की ऊंचाई पर था. मलबे का पता एमआई-17 हेलीकॉप्टर से आठ दिनों बाद एक तलाशी अभियान के बाद चला.इस विमान के तलाशी अभियान में मौसम किसी विलेन से कम नहीं था. कई बार खराब मौसम के कारण तलाशी अभियान रोक दिया गया. बचाव कार्य में चीता और एएलएच हेलिकॉप्टर्स मौजूद थे.