जयपुर: राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर में होने वाला विश्व प्रसिद्ध मेला में इस वर्ष बगैर मवेशियों के ही आयोजित किया जाएगा। दरअसल, गांठदार चर्म रोग और लंपी बीमारी के कारण हजारों पर्यटकों को आकर्षित करने वाला मेला इस बार पशु मेले के बगैर ही आयोजित होने वाला है। राजधानी जयपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर पुष्कर शहर में कार्तिक के पवित्र माह में प्रति वर्ष आयोजित होने वाले इस जीवंत पुष्कर मेले का मुख्य आकर्षण मवेशियों का व्यापार ही रहता है।
एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि पशुओं में लंपी रोग के कारण राज्य सरकार ने इस साल पशु मेला नहीं लगाने का फैसला किया है। हालांकि, मेले में अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां 1 नवंबर से 7 नवंबर तक जारी रहेंगी। पुष्कर के सब डिवीजनल SDM सुखराम पिंडेल ने कहा है कि मवेशियों में लंपी रोग की वजह से इस साल पशु मेला नहीं लगेगा। इसके साथ ही अन्य सभी धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। उन्होंने कहा कि मेले की तैयारियां चरम पर चल रही हैं।
पशुपालन विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, राजस्थान में अब तक 15 लाख 59 हजार 859 पशु लंपी रोग से प्रभावित हुए हैं, जिनमें से मंगलवार तक 74 हजार 495 की जान चली गई है और 11 लाख 84 हजार 163 रिकवर हो गए हैं। पशु मेला पुष्कर शहर में रेत के टीलों पर आयोजित किया जाता है, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से पशुपालक अपने मवेशियों खासकर घोड़ों के साथ आते हैं। बता दें कि इस पशु मेले में लकड़ी और चमड़े के शिल्प की कई दुकानें भी लगती हैं।