हजारीबाग : झारखंड सरकार में आबकारी मंत्री जगरनाथ महतो ने इन दिनों नकली शराब बनाने वालों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। वह खुद ही बाइक पर बैठ शराब माफिया के खिलाफ छापेमारी करते हुए दिखते हैं। उन्होंने कहा है कि इस अभियान को रुकने नहीं दिया जाएगा और अधिकारियों की ओर से नक्सलप्रभावित इलाका होने को लेकर दी गई चेतावनी के बावजूद वह खुद कमान संभाले रहेंगे। बिहार से सटे हजारीबाग में नकली शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है और अब मंत्री ने इसके खिलाफ अभियान छेड़ दिया है।
मंत्री जगरनाथ महतो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर छापेमारी की तस्वीरें साझा करते हुए इस कार्रवाई के बारे में बताया है। मंत्री ने शराब नष्ट किए जाने के वीडियो के साथ लिखा, ”यह अभियान अब रुकने नहीं जा रहा। बिहार राज्य की सीमाओं से सटे हुए चौपारण प्रखंड के इन गांव में अब यह नकली शराब के अवैध धंधे को नहीं चलने दूंगा।” मंत्री ने कहा कि वह विधानसभा में झूठ नहीं बोल सकते हैं और इसलिए नक्सल प्रभावित इलाका होने के बावजूद वह अपनी मौजूदगी में शराब माफिया पर छापामारी करवा रहे हैं।
महतो ने लिखा, ”मेरे अधिकारियों ने कई बार मुझे मना भी किया कि सर आप मंत्री हैं, छापा मारने आप मत जाइए, यह इलाका ठीक नहीं, नक्सल प्रभावित है। मुझे लोकतंत्र के मंदिर ‘विधानसभा’ में जवाब देना था और मैं लीपापोती करके झूठ बोलने वालों में से नहीं हूं। जो सच है , वो आपके सामने है।” उन्होंने बताया कि बरही विधानसभा के चौपारण में गुप्त सूचना के आधार पर जिला पुलिस, उत्पाद-मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों और सीआरपीएफ के सैंकड़ों जवानों के साथ झारखंड-बिहार सीमा पर छापेमारी में करोड़ों के अवैध शराब निर्माण सामग्री को नष्ट किया गया।
दरअसल, झारखंड विधानसभा में बरही विधानसभा के माननीय विधायक ने प्रश्न किया था कि हजारीबाग जिले के प्रखंड चौपारण के तहत गांव परसाडीह, भगहार में हजारों लीटर अवैध शराब का निर्माण होता है, जिस पर मद्य निषेद विभाग ने क्या कार्रवाई की है? जगरनाथ महतो ने इसका जवाब सिर्फ कागजों में नहीं देना चाहते थे। उन्होंने लिका, ”मैं पूर्व के सरकार में विभाग के जवाब और कार्यवाही से संतुष्ट नहीं था। इसी सवाल के साक्ष्य सहित उत्तर के लिए, मैंने खुद दुर्गम घोर जंगल से पटे इलाकों में छापेमारी की है।”