छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में एसटी.एससी एवं ओबीसी के आरक्षण के बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी

रायपुर: छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद ने अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण में इजाफा करने वाले प्रस्ताव को आज मंजूरी प्रदान कर दी। राज्य विधानसभा के अगले सप्ताह आहूत विशेष सत्र में इस आशय का संशोधन विधेयक पेश किया जायेगा। राज्य में आदिवासियों के आरक्षण में उच्च न्यायालय के निर्णय से हुई कमी को लेकर मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज राज्य मंत्रिपरिषद ने आरक्षण में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। मंत्रिपरिषद ने इसके साथ ही छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था में प्रवेश में आरक्षण संशोधन विधेयक के प्रस्ताव का भी अनुमोदन कर दिया।

मंत्रिपरिषद ने जिला खनिज संस्थान न्यास से संपादित अधोसंरचना के कार्यों पर व्यय हेतु न्यास निधि में प्राप्त राशि से निश्चित प्रतिशत राशि के बंधन से मुक्त किए जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान नियम 15 में संशोधन किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। इसके तहत डीएमएफ के अन्य प्राथमिकता मद में उपलब्ध राशि का 20 प्रतिशत सामान्य क्षेत्र में तथा 40 प्रतिशत अधिसूचित क्षेत्र में व्यय किए जाने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है, इससे अधोसंरचना के कार्य को गति मिलेगी जिससे प्रदेश में सामाजिक एवं आर्थिक विकास तेजी से होगा।

मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ राज्य वनोपज संघ एवं निजी निवेशकों के मध्य सम्पादित त्रिपक्षीय एमओयू के आधार पर स्थापित वनोपज आधारित उद्योगों द्वारा उत्पादित छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के अंतर्गत 40 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय करते हुए संजीवनी एवं अन्य माध्यमों से विक्रय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी।इस निर्णय के फलस्वरूप उन उद्योगों को जो वनोपज आधारित उत्पादों का निर्माण करना चाहते हैं उनको बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ हर्बल के अंतर्गत अच्छी क्वालिटी के उत्पादों का विक्रय हो सकेगा।

बैठक में द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 22 का अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही सेरीखेड़ी रायपुर पटवारी हल्का नम्बर 77 में स्थित शासकीय भूमि 9.308 हेक्टयर भूमि का आबंटन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन साधारण प्रकृति के प्रकरणों को जनहित में वापस लिए जाने हेतु निर्धारित अवधि 31 दिसंबर 17 को बढ़ाकर 31 दिसंबर 18 करने के प्रस्ताव,मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान राशि को 70 करोड़ से बढ़ाकर 110 करोड़ किए जाने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया।

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